श्री रामलला विराजमान के मंदिर में अक्षत की पूजा की गई और फिर अक्षत को पीतल के कलश में भरकर अयोध्या पहुंचे स्वयंसेवकों को सौंपा गया। देश भर के 45 प्रान्तों से स्वयंसेवक अयोध्या पहुंचे थे। अब इन कलश को देश के विभिन्न स्थानों पर ले जाया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय जी के अनुसार प्रत्येक कलश में 5 किलो पीले अक्षत हैं। कलश के साथ श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित पत्रक भी दिया गया है।
इस पत्रक में सभी राम भक्तों से अपील की गई है कि वे 22 जनवरी 2024 को अपने पास के मंदिर में आनंद उत्सव के तौर पर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को मनाएं। 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच सभी राम भक्त अपने पास के मंदिर में एकत्र होकर भजन-कीर्तन करें। इसके साथ ही शाम को अपने घर में दीप प्रज्वलित करके भगवान श्रीराम के मंदिर में स्थापित होने का उत्सव मनाएं।
चंपत राय जी ने बताया कि अक्षत वितरण और घर-घर संपर्क का विशेष कार्यक्रम 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक चलेगा। इस अभियान में देश के 10 करोड़ परिवारों से सीधे संपर्क किया जाएगा। दर्शन के लिए प्रांत वार कार्यक्रम तैयार किया गया है। उसी क्रम के अनुसार दर्शन के लिए बुलाया जाएगा। दर्शनार्थियों के ठहरने एवं भोजन आदि की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जाएगी। 26 जनवरी से रोजाना दर्शन का कार्यक्रम चलेगा, जिसमें प्रांत वार 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आमंत्रित किया गया है।