जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, और इस बीच अमेरिका ने भारत, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति खुला समर्थन जाहिर किया है।
मुख्य बातें इस घटनाक्रम की:
आतंकी हमला और उसके बाद की स्थिति
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स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
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प्रभाव: पर्यटकों पर हमला, जिसके बाद भारत में आक्रोश और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम
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भारत की कार्रवाई:
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सिंधु जल संधि को स्थगित रखना
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अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना
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उच्चायोगों की ताकत में कटौती
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अमेरिका का समर्थन भारत के प्रति
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टैमी ब्रूस (अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता) का बयान:
“अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा समर्थन देता है। हम भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।”
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बातचीत का ज़िक्र:
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के एस. जयशंकर और पाकिस्तान के शहबाज शरीफ से बात की।
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अमेरिका चाहता है कि दोनों देश जिम्मेदार समाधान की दिशा में आगे बढ़ें।
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पाकिस्तान में खलबली
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अमेरिका के भारत-समर्थक रुख और खुले तौर पर पीएम मोदी के समर्थन की घोषणा के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और राजनयिक हलकों में चिंता।
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अमेरिका की इस स्थिति को पाकिस्तान ने पहले भी पक्षपाती कहा है, और यह तनाव को और बढ़ा सकता है।
भारत का कड़ा रुख
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सीमा पार से आतंकवाद को लेकर भारत अब कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर दबाव बना रहा है।
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भारत का यह संदेश स्पष्ट है कि अब केवल बातचीत की बातें नहीं, ठोस जवाबी कदमों का दौर है।
निष्कर्ष:
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अमेरिका का यह बयान दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर भारत को आतंकवाद के खिलाफ समर्थन मिल रहा है, खासकर पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों से।
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पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासकर अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस दिशा में और सख्त रुख अपनाता है।