लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी से ठाकुर समाज की नाराजगी की बात किसी से छीपी नहीं है. कई राजनीति के जानकार बता रहे हैं गुजरात से शुरू हुई ये अटकलें अब मध्य प्रदेश और पश्चिमी यूपी में बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है. जानकार कहते हैं पहले चरण के चुनाव में इसका असर देखने को मिला है.
पश्चिमी यूपी की सीटों या जौनपुर में धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की बात हो, जहां यूपी में ठाकुर समाज द्वारा विरोध की बात कही जा रही है. अब इस डैमेज कंट्रोल में बीजेपी जुट गई है. नाराजगी की इन खबरों के बीच बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है. इस बीच इंटरव्यू के दौरान अमित शाह से यह सवाल पूछा गया.
क्या दिया जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से ठाकुर समाज की नाराजगी पर जवाब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- रूपाला जी ने तुरंत ही माफी मांगी है. तीन बार माफी मांगी है और हम जो नाराज लोग हैं उनसे चर्चा भी कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारे साथ आएंगे. उनका विश्वास बीजेपी के साथ बना हुआ है.
हालांकि दूसरी ओर बीजेपी के खिलाफ ठाकुर समाज की नाराजगी को विरोधी अपने पाल में लाकर चुनावी जंग में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका संदेश इंडिया गठबंधन की रैली में आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह के बयान से मिला है. हालांकि इससे पहले अखिलेश यादव भी कई मौकों पर ठाकुर समाज को रिझाते हुए नजर आए हैं.
यूपी की कई सीटों पर ठाकुरों की नारजगी के असर का दावा!
पश्चिमी यूपी में कई जगहों पर ठाकुर समाज ने महापंचायत की थी. इसके बाद जानकार बताते हैं कि यह समाज इस बार बीजेपी का विरोध कर सकता है. हालांकि यह समाज हमेशा से बीजेपी का कोर वोटर रहा है. खास तौर पर यूपी में ठाकुर समाज बीजेपी को वोट करते आया है.
यूपी की कई सीटों पर ठाकुरों की नाराजगी बताई जा रही है. पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान हुआ, वहां भी दावा किया जा रहा है कि ठाकुरों ने बीजेपी का गेम बिगाड़ दिया है, हालांकि बीजेपी का दावा है कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा.
बीते दिनों मेरठ में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण गोविल ने भी ठाकुरों की नाराजगी दूर करने के लिए मंच से अपनी पत्नी की जाति का जिक्र किया था.
ठाकुरों की नाराजगी का दावा इस कदर है कि यूपी की 8 सीटों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और हाईकमान खुद लगा हुआ है.