‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ (RIL) की हाल ही में सालाना आम बैठक हुई। इसमें कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी के तीनों बच्चों को बोर्ड में शामिल करने का फैसला लिया गया है। इस प्रस्ताव पर शेयरहोल्डर्स को गुरुवार (26 अक्टूबर, 2023) तक वोट करना है। इससे पहले एक प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म ने अनंत अंबानी के नाम को लेकर सवाल उठाए हैं।
इस प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म ‘इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स एडवाजरी सर्विस’ (IIAS) और ‘शेयरहोल्डर सर्विसेज इंक’ (ISS) ने शेयरहोल्डर्स से अनंत अंबानी की नियुक्ति के खिलाफ वोट देने की अपील की है। ‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फर्म ने गुरुवार (12 अक्टूबर, 2023) को एक नोट में कहा कि अनंत अंबानी का अनुभव केवल 6 साल का है। ऐसे में बोर्ड में उनके योगदान पर सवाल खड़े होते हैं। हालाँकि, प्रॉक्सी फर्म ने ईशा और आकाश अंबानी की बोर्ड में नियुक्ति का समर्थन किया है। शेयरहोल्डर्स को इस प्रस्ताव पर गुरुवार (26 अक्टूबर, 2023) तक वोट देना है।
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले समूह के शेयरधारक तीनों भाई-बहनों की गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशकों के तौर पर नियुक्ति के लिए वोटिंग करने के लिए तैयार हैं। इस वोटिंग का नतीजा सोमवार (30 अक्टूबर, 2023) को निकलेगा। दरअसल, अगली पीढ़ी के अंबानियों को बोर्ड में शामिल करना उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है। आईएसएस की आपत्तियाँ मुंबई के इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज या आईआईएएस की सिफारिशों को ही दोहराती है।
IIAS की 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में कहा गया था कि 28 साल की उम्र में गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक के तौर पर युवा अंबानी वंशज की नियुक्ति हमारी वोटिंग के दिशानिर्देशों के मुताबिक नहीं है। वहीं IIAS ने ईशा और आकाश को चुनने के प्रस्ताव का समर्थन किया है और उनके नामों पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। गौरतलब है अनंत मार्च 2020 से जियो प्लेटफ़ॉर्म सहित रिलायंस समूह की कंपनियों के बोर्ड में काम कर रहे हैं। वो मई 2022 से रिलायंस रिटेल वेंचर्स और जून 2021 से रिलायंस न्यू एनर्जी और रिलायंस न्यू सोलर एनर्जी के बोर्ड में भी हैं।
कंपनी ने साफ किया है कि तीनों अंबानी भाई-बहनों की नियुक्ति 31 दिसंबर, 2023 से पहले प्रभावी होने की उम्मीद है। रिलायंस के संस्थापकों के पास कंपनी में 41 फीसदी से अधिक शेयर हैं, जो उन्हें सबसे अधिक वोटिंग का अंश देता है। इन तीनों प्रस्तावों को प्रभावी होने के लिए बहुमत से वोटिंग की जरूरत होगी।
अक्सर प्रॉक्सी फर्मों की सिफारिशों के आधार पर वोट करने वाले विदेशी और स्थानीय संस्थानों की रिलायंस में करीब 40 फीसदी की हिस्सेदारी हैं। वहीं दूसरी तरफ इंटरनेशनल प्रॉक्सी फर्म ‘ग्लास लेविस’ (Glass Lewis) ने अनंत की नियुक्ति का पक्ष लिया है। कंपनी के एशिया-पैसिफिक रिसर्च डायरेक्टर डिकी विंडारटो (Decky Windarto) ने कहा कि अंबानी के जुड़वा बच्चे आकाश और ईशा की उम्र अनंत से महज तीन साल अधिक है लेकिन सबका पेशेवर अनुभव बराबर है।
रिलायंस में फाउंडर्स की 41 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी में विदेशी और लोकल इंस्टीट्यूशंस की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। ये निवेशक प्रॉक्सी फर्म्स के सुझावों के आधार पर वोट करते हैं। गौरतलब है कि मुकेश अंबानी को 1977 में महज 20 साल की उम्र में रिलायंस के बोर्ड में शामिल किया गया था।