कुछ दिनों से चल रही अटकलों के बीच आज पूर्व कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ भाजपा में शामिल हो गए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान से वल्लभ का पलायन कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने के आरोप लगाए थे। वल्लभ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। वल्लभ के साथ बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ली।
मैं सुबह-शाम संपत्ति बनाने वालों को गाली नहीं दे सकता- वल्लभ
बीजेपी में शामिल होने पर गौरव वल्लभ ने कहा कि 2-3 प्रमुख मुद्दे थे जिन्हें मैंने अपने इस्तीफे पत्र में उजागर किया था… मैं सुबह-शाम संपत्ति बनाने वालों को गाली नहीं दे सकता। धन पैदा करना कोई अपराध नहीं है।
#WATCH | Delhi: Former Congress leader Gourav Vallabh joins BJP, in the presence of BJP General Secretary Vinod Tawde. pic.twitter.com/NAc0kX22vW
— ANI (@ANI) April 4, 2024
बीजेपी में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने सुबह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पत्र पोस्ट किया…उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथा लिखी…मेरा शुरू से यही विचार रहा है कि भगवान श्री राम के मंदिर (अयोध्या में) का निर्माण होना चाहिए। एक निमंत्रण मिला और कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता…गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर सवाल उठाए, कांग्रेस इसका जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
दो दिन में गिरे कांग्रेस के कई विकेट
खास बात है कि महज दो दिनों के भीतर ही कांग्रेस को तीन राज्यों में तीन बड़े झटके लगे हैं। एक ओर जहां राजस्थान से आने वाले वल्लभ ने और बिहार कांग्रेस के दिग्गज शर्मा ने भाजपा का दामन थामा है तो वहीं, पार्टी से तनातनी के बीच महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना का दामन थामा।
#WATCH | On joining BJP, Gourav Vallabh says, "… There were 2-3 major issues which I had highlighted in my resignation letter… I cannot abuse the wealth creators morning-evening. Generating wealth is not a crime." pic.twitter.com/R3kWjJ0Cu3
— ANI (@ANI) April 4, 2024
कांग्रेस पार्टी में है जबरदस्त ‘अहंकार’- निरुपम
कांग्रेस से निकाले जाने के एक दिन बाद, पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को कांग्रस पार्टी पर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व में “जबरदस्त अहंकार” है।
कांग्रेस इतिहास है और इसका कोई भविष्य नहीं है और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) तीन “बीमार इकाइयों” का विलय है।
विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। निरुपम ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है।”
उन्होंने कहा कि जो लोग उनकी राजनीतिक मृत्युलेख लिखना चाहते हैं, उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती के दिन 4 जून के बाद अपनी जमीन खिसकती हुई महसूस होगी।
बता दें कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार देर शाम संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।