जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर अब मारा जा चुका है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। आइए इसे बिंदुवार रूप में समझते हैं:
कौन था मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर?
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जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का वरिष्ठ और शीर्ष कमांडर था।
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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भक्कर जिले, अशरफवाला, कल्लुर कोट का रहने वाला।
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भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
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JeM के भीतर एक प्रचारक, प्रशिक्षक और ऑपरेशनल रणनीतिकार के रूप में कार्यरत था।
मौत की जानकारी और संदिग्ध परिस्थितियां:
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2 जून 2025 को मौत हुई।
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JeM के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, मौत का कारण दिल का दौरा (हार्ट अटैक) बताया गया है।
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हालांकि, मौत की वास्तविक वजह की पुष्टि नहीं हुई है।
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OSINTTV द्वारा जारी फुटेज में उसके मारे जाने का वीडियो दावा किया गया है, जिससे इसकी मौत की खबर को बल मिला है।
The most Notorious Jaish-E-Mohammad senior leader (Terrorist) Maulana Abdul Aziz Esar is dead (02-06-2025)
He was from Ashrafwala, Kallur Kot, Bhakkar District in the Punjab Province of Pakistan
According to JeM sources he died of a heart attack (No confirmation on his death… pic.twitter.com/3Mwgrc9X1a
— OsintTV 📺 (@OsintTV) June 3, 2025
अंतिम संस्कार और स्थान:
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जेएम मुख्यालय – मरकज, बहावलपुर, पंजाब (पाकिस्तान) में अंतिम संस्कार की पुष्टि हुई है।
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बहावलपुर, JeM का वही मुख्यालय है जहां से आतंकवादियों को ट्रेनिंग और फंडिंग दी जाती रही है।
भारत के लिए इसका क्या मतलब है?
सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी (भले ही अप्रत्यक्ष हो):
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मौलाना इसर का सफाया भारत के लिए एक रणनीतिक जीत है।
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ऐसे कमांडरों की मौत से JeM जैसे संगठनों की ऑपरेशनल क्षमता प्रभावित होती है।
जांच और सतर्कता की ज़रूरत:
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यह देखना जरूरी होगा कि क्या यह वाकई प्राकृतिक मौत थी या फिर आंतरिक गुटबाजी, विदेशी ऑपरेशन या ISI का गेमप्लान?
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सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हाई-प्रोफाइल आतंकियों की मौत अक्सर रहस्यमय परिस्थितियों में होती है।
OSINTTV द्वारा जारी फुटेज का महत्त्व:
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OSINTTV एक ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस चैनल है जो अक्सर आतंकी गतिविधियों की ग्राउंड रिपोर्टिंग करता है।
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उनका वीडियो इस खबर को विश्वसनीयता प्रदान करता है, लेकिन अब तक पाकिस्तान की सरकार या ISPR की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है।
निष्कर्ष:
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मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर की मौत भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक सकारात्मक मोड़ है।
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इस तरह के शीर्ष आतंकियों के खात्मे से न सिर्फ JeM कमजोर होता है, बल्कि यह आने वाले आतंकी हमलों की संभावनाओं को कम कर सकता है।