भारत ने 12 सितंबर को ओडिशा के तट पर एक सफल उड़ान परीक्षण किया. भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का परीक्षण किया. ये परीक्षण चांदीपुर के परीक्षण रेंज से किया गया जो एक महत्वपूर्ण रक्षा परीक्षण स्थल है.
ये टेस्ट दोपहर लगभग 3 बजे किया गया. इस दौरान, मिसाइल ने एक हाई स्पीड वाले हवाई लक्ष्य को निशाना बनाया जो कम ऊंचाई पर उड़ रहा था. परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ट्रैक और एंगेज किया. DRDO के अधिकारियों ने बताया कि इस परीक्षण का उद्देश्य मिसाइल प्रणाली के कई अपडेटेड को मान्य करना था, जैसे कि निकटता फ्यूज और सीकर.
The @DRDO_India and Indian Navy have successfully flight tested Vertical Launch Short Range Surface-to-Air Missile (VL-SRSAM) from the Integrated Test Range, Chandipur off the coast of Odisha today.
RM Shri @rajnathsingh has congratulated DRDO, Indian Navy and associated teams… pic.twitter.com/UezbdnYDgJ
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 12, 2024
क्या हैं इसकी विशेषता
मिसाइल प्रणाली की प्रदर्शन की निगरानी कई उपकरणों द्वारा की गई, जिसमें रडार इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री शामिल थे. ये सभी उपकरण चांदीपुर में तैनात थे और उन्होंने टेस्ट के दौरान मिसाइल की क्षमता और सटीकता से ट्रैक किया.
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय नौसेना की टीमों की इस सफलता के लिए प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि ये परीक्षण VL-SRSAM प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को दोबारा स्थापित किया है. DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी टीमों को बधाई दी और कहा कि ये प्रणाली भारतीय नौसेना की संचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी और इसे एक बल गुणक के रूप में कार्य करेगी.
भारत की रक्षा क्षमताएं होंगी मजबूत
इस सफल परीक्षण से ये साफ होता है कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. VL-SRSAM प्रणाली न केवल भारतीय नौसेना की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि यह देश की सामरिक स्थिति को भी मजबूत करेगी. यह मिसाइल प्रणाली विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करेगी.