पेपर लीक मामले में सवालों से घिरी मोदी सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है. केंद्र सरकार ने देर रात परीक्षा में अनुचित साधन-संसाधन का इस्तेमाल करने के खिलाफ नया कानून लागू कर दिया है. कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. बता दें कि संसद ने इसी साल फरवरी में ये कानून पारित किया था.
The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 – the anti-paper leak law for examinations for central recruitment and entrance into central educational institutions, came into effect on Friday.
A gazette notification issued by the Ministry of Personnel, Public… pic.twitter.com/TMJhsDtcJ5
— ANI (@ANI) June 21, 2024
क्या है इस कानून का मकसद
एंटी पेपर लीक कानून यानी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 का मकसद शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है. इस कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. फरवरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को मंजूरी दी थी. अब नीट, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे.
कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षाएं
हर बड़ी और अहम परीक्षा जिनका आयोजन सार्वजनिक परीक्षा निकाय करते हैं, उनको इस कानून के अंतर्गत लाया गया है. इसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वालीं सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएओं के अलावा यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC), रेलवे भर्ती, बैंकिंग भर्ती जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं शामिल हैं. इन परीक्षाओं में अगर किसी भी तरह की धांधली पाई जाती है तो दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्यों पड़ी अचानक कानून लागू करने की जरूरत
हाल ही में देश में एक के बाद एक पेपर लीक्स के कई मामले आ चुके हैं. इसमें सबसे गंभीर मामला मेडिकल एंट्रेस के लिए आयोजित होने वाले NEET का माना जा रहा है. NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में देशभर में विरोध हो रहा है. मई के महीने में ये परीक्षा आयोजित की गई थी और जून में इसका रिजल्ट आया. परिणाम आने के साथ ही इसमें धांधली के आरोप लगने शुरू हो गए.
इस बार के रिजल्ट में एक साथ 60 से ज्यादा बच्चों को फर्स्ट रैंक मिली, जबकि अब तक दो से तीन स्टूडेंट ही ये रैंक हासिल कर पाते थे. इसके साथ ही NTA पर सवाल उठना शुरू हो गए. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माना कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. अब तक इस मामले में कई खुलासे हो चुके हैं, लेकिन अब तक गुत्थी नहीं सुलझ सकी है