थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का देहरादून दौरा न केवल ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा के लिए था, बल्कि यह भारतीय सेना की प्रतिबद्धता और समर्पण को बढ़ावा देने का भी प्रतीक है। इस दौरे की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
दौरे का उद्देश्य और महत्व
- ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा:
- सेना प्रमुख ने उत्तराखंड क्षेत्र में तैनात सैनिकों की तैयारियों और क्षमताओं का जायजा लिया।
- बदलते सुरक्षा माहौल में सैनिकों की ऑपरेशनल क्षमता और अनुकूलता को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
- सैनिकों के साथ बातचीत:
- उन्होंने सैनिकों के समर्पण और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की।
- जवानों का मनोबल बढ़ाने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए यह बातचीत महत्वपूर्ण थी।
- आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण:
- सेना के उपकरणों को आधुनिक बनाने और युद्धक्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की।
- प्रशिक्षण मानकों में सुधार पर जोर दिया, जिससे भविष्य की चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया जा सके।
दौरे की प्रमुख गतिविधियाँ
- सेंट्रल कमांड के जीओसी-इन-सी की मौजूदगी:
- जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भी इस दौरे में शामिल रहे, जिससे यह यात्रा सामरिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण हो गई।
- वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड:
- सेना प्रमुख ने दो वेटरन्स को ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया।
- यह सम्मान भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों की सेवाओं और उनकी उपलब्धियों को मान्यता देता है।
दौरे का रणनीतिक महत्व
- उत्तराखंड की संवेदनशीलता:
- उत्तराखंड का सामरिक महत्व इसकी भौगोलिक स्थिति और भारत-चीन सीमा के करीब होने के कारण बढ़ जाता है।
- इस क्षेत्र में सेना की तैनाती और तैयारियों की समीक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।
- बदलते सुरक्षा माहौल में तैयारियां:
- जनरल द्विवेदी ने जटिल और तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य के प्रति सेना की अनुकूलता और तैयारियों की सराहना की।
- सैनिकों के मनोबल को बढ़ावा:
- सैनिकों के साथ संवाद और उनकी सराहना से सेना की आंतरिक एकता और समर्पण को और बल मिला।
भविष्य के लिए प्रभाव
- तकनीकी सुधार:
- सेना में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देकर भारत की रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ किया जाएगा।
- प्रशिक्षण में सुधार:
- उन्नत प्रशिक्षण मानकों के जरिए सेना को भविष्य की चुनौतियों के लिए और सक्षम बनाया जाएगा।
- समर्पण और प्रेरणा:
- सैनिकों और वेटरन्स के साथ इस तरह के संवाद से उनकी प्रेरणा और राष्ट्र सेवा का जज्बा बढ़ेगा।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का यह दौरा न केवल सेना की तैयारियों की पुष्टि करता है, बल्कि भारतीय सेना की सतर्कता और भविष्य की चुनौतियों के प्रति उसके दृष्टिकोण को भी रेखांकित करता है।
जवानों को दी नए साल की शुभकामनाएं
भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ड्यूटी पर तैनात जवानों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी. यह दौरा सेना प्रमुख द्वारा मिशन तैयारियों को सुनिश्चित करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाता है. देहरादून पहुंचने से पहले, थलसेना प्रमुख ने 29-30 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मऊ सैन्य स्टेशन का भी दौरा किया था.
इन दोनों को मिला वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड
उत्तराखंड की अपनी यात्रा के दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 2 वेटरन को ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया. इन दोनों का नाम सेवानिवृत्त कर्नल पीएस बिंद्रा और रिटायर्ड वेटरन हवलदार मनोज सेमवाल है. कर्नल पीएस बिंद्रा ने करनाल और पीलीभीत जिलों में अपशिष्ट प्रबंधन, स्क्रैप रीसाइक्लिंग और पर्यावरण जागरूकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में शिक्षा और युवा सशक्तिकरण की वकालत की है.
दूसरा अवार्ड वेटरन हवलदार मनोज सेमवाल (सेवानिवृत्त) को मिला है. वो गढ़वाल राइफल्स के वेटरन हवलदार थे और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के मूल निवासी हैं. उन्होंने वार्षिक केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ों और खच्चरों की बड़े पैमाने पर आवाजाही से उत्पन्न पशु अपशिष्ट के कारण उत्पन्न चुनौती को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाई है. इससे जैव उर्वरक और ईंटें भी तैयार की जाती हैं.