भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने वाले बयानों पर टिप्पणी की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग जितनी बार चाहे अपने बेतुके दाव दोहराता रहे लेकिन इससे हमारा रुख नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जारी रखने के सवाल के जवाब में यह बात कही.उनकी यह टिप्पणी चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान द्वारा सोमवार को चीन के दावे को दोहराए जाने के कुछ दिनों बाद आई है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय ने चीन को जवाब देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश मामले पर हमने बार- बार कहा है कि चीन अपने निराधार दावों को जितनी बार चाहे दोहरा सकता है, हमारी बात बदलनी वाली नहीं है. अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था और है और हमेशा रहेगा. इससे पहले भी भारत ने एक बयान में कहा था कि चीन का भारतीय नेताओं के अरुणाचल दौरे का विरोध करना बेतुका है और निराधार है.
चीन ने क्या दावा किया था
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के उस दावे के बाद ये जवाब दिया, जिसमें चीन ने अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया था. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग जियाओगांग ने 15 मार्च को एक बयान जारी कर कहा था कि वो भारतीय नेताओं के अरुणाचल दौरे का विरोध करता है. बता दें, पीएम मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल का उद्घाटन किया था. जिस के बाद चीन का ये बयान सामने आया. जिस में चीन ने कहा कि ‘जिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) चीन का हिस्सा है और चीन भारत के कथित अरुणाचल प्रदेश को न कभी स्वीकार करेगा और इसका सख्ती से विरोध करता है.’ हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को सख्त जवाब देते हुए कहा कि भारत पहले भी चीन के ऐसे दावों को सिरे से खारिज कर चुका है.
एस जयशंकर ने भी दिया था बयान
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन की तरफ से बार-बार किए जा रहे दावे को ‘बेतुका’ बताकर को खारिज कर दिया था। जयशंकर ने कहा था कि यह सीमांत राज्य ‘‘भारत का स्वाभाविक हिस्सा’’ है। अरुणाचल पर चीन की ओर से अक्सर किए जाने वाले दावे और राज्य में भारतीय नेताओं के दौरे का चीन के विरोध करने पर अपनी सार्वजनिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है।
चीन ने जताई थी आपत्ति
चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने पर आपत्ति जताई थी। इस पर भारत ने कहा था कि इस बारे में बेबुनियाद तर्क को दोहराना इस तरह के दावे को कोई वैधता नहीं प्रदान करता। अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है, और हमेशा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लाभ प्राप्त करते रहेंगे।