ज्ञानवापी परिसर में छठवें दिन भी एएसआइ की टीम सुबह आठ बजे सर्वे के लिए पहुंच गई। हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया है कि सोमवार को सर्वे के दौरान गुंबद के पास से काफी साक्ष्य मिले हैं। तीनों गुंबदों के ऊपरी, भीतरी और बाहरी हिस्सों की बारीकी से जांच की जा रही है। एएसआई की टीम आगे इमारत के नींव का वैज्ञानिक परीक्षण करेगी। केंद्रीय शिखर के ठीक नीचे प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर का गर्भगृह होने की संभावनाओं की भी पड़ताल की जा सकती है।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह सर्वे एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई से काफी अलग है। सर्वे पूरा होने में समय लगेगा। यह उम्मीद करना उचित नहीं कि हर दिन कोई नई बात सामने आएगी। सभी को इंतजार करना चाहिए। अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे का काम चल रहा है। एएसआई टीम अभी बाहर दिखने वाली जगहों की जांच कर रही है। जहां जरूरी लग रहा, मशीनों का प्रयोग भी कर रही है। विशेषज्ञों को जो भी साक्ष्य मिल रहे हैं, उनकी जांच करने के साथ ही जरूरी जानकारी रिकॉर्ड कर रहे हैं। दस्तावेजों में सभी साक्ष्य दर्ज हो रहे हैं।
एएसआई की 42 सदस्यीय टीम अलग-अलग हिस्से में साइंटफिक परीक्षण कर साक्ष्यों को इकठ्ठा कर रही है। आईआईटी कानपुर की टीम आज रात काशी पहुंच सकती है। पश्चिमी दीवार का काफी बारीकी से सर्वे किया जा रहा है। यहां के नमूनों से भवन निर्माण की अवधि, उम्र का पता चल सकता है। थ्री-डी मैपिंग, टोपोग्राफी शीट पर सभी आंकड़ों को उतारा जा रहा है। आज टीम तीनों गुंबदों की पुनः बारीकी से जांच करेगी।