दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जो “वायु प्रदूषण शमन योजना 2025” शुरू की है, वह एक व्यापक और बहुआयामी प्रयास है। यह योजना न सिर्फ तकनीकी उपायों पर आधारित है बल्कि जनसहभागिता और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को भी केंद्र में रखती है। आइए इस पूरी योजना को बिंदुवार समझते हैं:
वायु प्रदूषण शमन योजना 2025: मुख्य बिंदु 1. 2300 इलेक्ट्रिक ऑटो की तैनाती 3. PUCC केंद्रों का ऑडिट 4. 70 लाख पौधों का लक्ष्यवाहनों और यातायात के लिए नई नीति: 5. 1 नवंबर 2025 से सिर्फ स्वच्छ वाहन 6. ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम’ की शुरुआत 7. निर्माण स्थलों का अनिवार्य पंजीकरणराजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि:महत्वपूर्ण नारे और अभियान:
वायु प्रदूषण शमन योजना 2025: मुख्य बिंदु
1. 2300 इलेक्ट्रिक ऑटो की तैनाती
- दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर ई-ऑटो तैनात किए जाएंगे।
- इससे:
- पारंपरिक डीजल/पेट्रोल वाहनों पर निर्भरता घटेगी।
- अंतिम मील कनेक्टिविटी (last-mile connectivity) प्रदूषण-मुक्त होगी।
- महिला सुरक्षा और बेहतर आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। 2. 13 संवेदनशील क्षेत्रों में ‘मिस्ट स्प्रेयर’
- सबसे अधिक प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में मिस्ट स्प्रेयर (जल-कण छिड़काव करने वाली मशीनें) लगाई जाएंगी।
- इससे निर्माण स्थलों, सड़कों और खुले क्षेत्रों में धूल के कण (PM10/PM2.5) को नियंत्रित किया जा सकेगा।
3. PUCC केंद्रों का ऑडिट
- पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) केंद्रों का हर 6 महीने में ऑडिट किया जाएगा।
- यह कदम फर्जी प्रमाणपत्रों को रोकने और वाहनों के वास्तविक उत्सर्जन पर निगरानी रखने के लिए अहम है।
4. 70 लाख पौधों का लक्ष्य
- “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत इस साल 70 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
- यह अभियान:
- लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश है।
- दिल्ली के ग्रीन कवर को मजबूत करेगा और कार्बन सिंक बढ़ाएगा।
वाहनों और यातायात के लिए नई नीति:
5. 1 नवंबर 2025 से सिर्फ स्वच्छ वाहन
- दिल्ली में सिर्फ BS-6, CNG और इलेक्ट्रिक वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे।
- इससे पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगेगी।
6. ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम’ की शुरुआत
- ट्रैफिक जाम और वाहन प्रदूषण कम करने के लिए सेंसर आधारित ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा।
- यह सिस्टम:
- जाम की रियल-टाइम पहचान करेगा।
- ट्रैफिक को डायवर्ट करने में मदद करेगा।
7. निर्माण स्थलों का अनिवार्य पंजीकरण
- 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के निर्माण स्थलों को DPCC के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
- इससे निर्माण स्थलों पर धूल और प्रदूषण की निगरानी संभव होगी।
राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि:
- यह योजना बीजेपी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर लाई गई है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पर्यावरण सरकार की प्राथमिकता में है।
- रेखा गुप्ता सरकार, जो कि हाल ही में सत्ता में आई है, प्रदूषण को लेकर एक सक्रिय और ठोस कार्ययोजना लेकर आई है।
महत्वपूर्ण नारे और अभियान:
“शुद्ध हवा सबका अधिकार – प्रदूषण पर जोरदार प्रहार”
यह नारा सरकार की पर्यावरण नीति के लोक-समर्थक और समावेशी स्वरूप को दर्शाता है।