आपका विषय अत्यंत रोचक और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है। भारत के प्रमुख मंदिरों में सोने की सजावट न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि सांस्कृतिक भव्यता और दान की परंपरा को भी प्रकट करती है।
1. राम मंदिर, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
- स्वर्ण शिखर: 5 जून 2025 की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़ाई गई।
- यह मंदिर अब दूर से भी सोने की चमक के साथ भव्य दिखाई देता है।
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी तस्वीरों ने श्रद्धालुओं में उत्साह भर दिया है।
2. श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर, वेल्लोर (तमिलनाडु)
- 1500 किलोग्राम शुद्ध सोना इस्तेमाल
- सोने की छड़ें पिघलाकर पन्नी के रूप में तांबे की प्लेटों पर चढ़ाई गईं
- श्री लक्ष्मी नारायण (महालक्ष्मी) को समर्पित
- इसे दक्षिण भारत का “गोल्डन टेम्पल” भी कहा जाता है।
3. कालीघाट मंदिर, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
- अप्रैल 2024 में तीनों शिखरों पर सोना चढ़ाया गया
- 50 किलोग्राम 24 कैरेट सोना लगा
- मध्य शिखर पर सोने का झंडा लहराता है
- पवित्र गर्भगृह की शोभा कई गुना बढ़ी।
4. कमाख्या मंदिर, गुवाहाटी (असम)
- 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 19 किलो सोना दान किया
- मुख्य मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाई गई
- यह मंदिर शक्ति पीठों में से एक है, जहाँ लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं।
5. काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- मूलतः 1777 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनवाया गया
- महाराजा रणजीत सिंह ने लगभग 1 टन सोना दान किया था
- 2021 में एक श्रद्धालु ने 60 किलो सोना दान किया
- 37 किलो: गर्भगृह की दीवारों पर
- 23 किलो: गुंबद और चौखटों पर
6. सोमनाथ मंदिर, गुजरात
- गर्भगृह, द्वार, शूल और डमरू जैसे हिस्से सोने से मढ़े हुए
- हालांकि कुल सोने की मात्रा की आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं
- यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
7. वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति (आंध्र प्रदेश)
- “आनंद निलय दिव्य विमान” नामक गुंबद पूरी तरह सोने से ढका
- भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति, आंतरिक दीवारें और कुएं तक सोने की परतों से सुशोभित
- यह मंदिर भारत के सबसे धनी और भव्य मंदिरों में गिना जाता है।
निष्कर्ष:
भारत के मंदिरों में सोने का उपयोग न केवल स्थापत्य सौंदर्य और भव्यता का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों की अटूट श्रद्धा, समर्पण, और दान की परंपरा को भी दर्शाता है। अयोध्या के राम मंदिर का स्वर्ण शिखर अब उस गौरवशाली विरासत की एक नई कड़ी बन चुका है।