केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अंतिम छोर तक मौजूद सभी लोगों तक सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं को पहुंचाने के लिए आयुष्मान भव कार्यक्रम शुरू करने वाले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को केंद्र आयुष्मान भव कार्यक्रम शुरू करेगा।
पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरू होगा कार्यक्रम
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा, “इस साल पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर हम ‘आयुष्मान भव’ कार्यक्रम शुरू करेंगे, ताकि अंतिम छोर के लोगों समेत हर इच्छित लाभार्थी तक सभी राज्य-संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की अधिकतम डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।”
60 हजार लोगों को बांटे जाएंगे कार्ड
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान विशेष शिविर लगाए जाएंगे और 60,000 लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “शिविर लगाए जाएंगे, 60,000 लोगों को हम आयुष्मान भारत कार्ड देंगे। आने वाले दिनों में हम स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रमों की बेहतर बनाने के लिए इस कार्यक्रम को और आगे भी चलाएंगे।”
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। इसमें प्रति लाभार्थी परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज दिया जाता है।
पिछले साल टीबी रोग पर दिया गया जोर
मंडाविया ने यह भी कहा है कि पिछले साल आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हमने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मुद्दे पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा, “इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि दुनिया का लक्ष्य है कि साल 2030 तक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को खत्म करना है, लेकिन भारत का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक टीबी को खत्म कर देना है। पिछले साल लगभग 70,000 लोग नि-क्षय मित्र बने और टीबी रोगियों को गोद लिया, अब इन मित्रों की संख्या बढ़कर एक लाख हो गई है। नि-क्षय मित्र गैर-सरकारी संगठनों, व्यक्तिगत लोगों, राजनीतिक दलों और कॉर्पोरेट क्षेत्र के रूप में है।”
लोक भागीदारी से टीबी मुक्त होगा भारत
टीबी के मरीजों को हर महीने पोषक तत्व किट दिए जाते हैं और हर संभव सहायता की जाती है। मंडाविया ने कहा, “हमें विश्वास है कि ‘लोक भागीदारी’ की मदद से देश को पूरी तरह से टीबी से मुक्त कर दिया जाता है।
एक टीबी मरीज को लेना होगा गोद
बता दें कि साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने देश को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) मुक्त बनाने के लिए एक साल का कार्यक्रम चलाया था, जिसमें हर कोई एक टीबी मरीज को गोद लेगा और एक साल तक उसकी देखभाल करेगा। 2025 तक टीबी मुक्त भारत के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए एक ट्यूबरकुलोसिस रोगी को एक वर्ष के लिए गोद लेने की योजना आयोजित की गई है।