भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे प्रदर्शन हिंसक होता जा रहा है। सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच लगातार झडपें हो रही हैं। इन दंगों में अब तक 39 मौतें हो चुकी हैं। शेख हसीना सरकार ने दंगे रोकने के लिए देश के सभी स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए हैं। प्रदर्शनकारी अब भी कई शहरों में डटे हुए हैं। इस बीच भारत ने भी बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बांग्लादेश में दंगे क्यों हो रहे
बांग्लादेश में प्रदर्शन करने वाले अधिकांश प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएँ हैं। इनके प्रदर्शन के पीछे हाल ही बांग्लादेश के हाई कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर दिया गया एक निर्णय है। बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने 1 जुलाई, 2024 को दिए गए फैसले में देश में 56% आरक्षण दोबारा से चालू करने का फैसला किया है। इसमें से 30% आरक्षण 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के वंशजों को दिया जाता है। यह 56% 2018 में शेख हसीना की सरकार ने ही खत्म कर दिया था। लेकिन अब हाई कोर्ट इसे दोबारा लागू करने के पक्ष में है।
हाई कोर्ट के इस निर्णय का छात्र छात्राएँ विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में लड़ने वाली तीसरी पीढ़ी को क्यों मिल रहा है। हाई कोर्ट के इस निर्णय पर बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने तात्कालिक रोक लगा दी है। हालाँकि, प्रदर्शनकारी अब भी शांत नहीं हैं। उनका कहना है कि इस पर तत्काल प्रभाव से सरकार स्थायी रोक लगा दे। हालाँकि, हसीना सरकार का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय का इन्तजार करेगी।
कौन कर रहा प्रदर्शन, कितनी मौतें
बांग्लादेश में हो रहे इस प्रदर्शन के केंद्र में देश भर के छात्र हैं। दरअसल, आरक्षण के खिलाफ उतरे छात्रों का कहना है कि पहले से ही बांग्लादेश में सरकारी नौकरियाँ कम हैं, ऊपर से उनमें 50% से अधिक आरक्षण प्रतिभावान उम्मीदवारों को बाहर कर रहा है। छात्र बेरोजगारी के मसले को लेकर लगातार बांग्लादेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों ने कब्जा जमा लिया है। ढाका के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज के छात्र सड़कों पर हैं।
🇧🇩 Agitated students broke the gate of the state-owned Television network BTV center, vandalized and set fire inside.#SaveBangladeshiStudents #StepDownHasina
pic.twitter.com/3UbWnT69yq
— Nznn Ahmed (@na_nznn) July 18, 2024
प्रदर्शनकारी छात्रों का सत्ताधारी आवामी लीग के छात्र मोर्चा से भी टकराव हुआ। जब प्रदर्शनकारी हिंसक हुए तो उन पर पुलिस ने कार्रवाई की। इस कारण से कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में घायल भी हुए। इसके बाद स्थितियाँ बिगड़ती चली गईं। बताया गया कि अब तक लगभग 39 मौतें हो चुकी हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों पर भी हमला किया और तोड़फोड़ की। उन्होंने बांग्लादेश के सरकारी चैनल BTV के हेडऑफिस में आग लगा दी।
शेख हसीना सरकार का क्या रवैया
शेख हसीना सरकार लगातार प्रदर्शन शांत करने की कोशिश कर रही है। उसने बांग्लादेश के सुरक्षाबलों को ढाका समेत बाकी शहरों की सड़कों पर उतार दिया है। शेख हसीना सरकार ने देश में दंगों को भडकने से रोकने के लिए मोबाइल और इन्टरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। इसने आदेश दिया है कि सभी स्कूल, कॉलेज, मदरसे और छात्रावास बंद कर दिए जाएँ। शेख हसीना सरकार ने छात्रों को घर लौट जाने को कहा है। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पहल भी की है।
Prime Minister Sheikh Hasina has called for patience until a final verdict on government job quotas is delivered as deadly violence in protest against the system convulses the country.
In a televised address to the nation on Wednesday evening, she announced a judicial… pic.twitter.com/WZWcl4y57d
— Awami League (@albd1971) July 17, 2024
इस पूरे प्रदर्शन में रजाकार कौन
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में प्रदर्शन के दौरान तोड़ फोड़ करने वालों को ‘रजाकार‘ कह कर संबोधित किया। रजाकार बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान का साथ देकर बंगालियों पर अत्याचार करने वालों को कहा जाता है। इसी को लेकर प्रदर्शनकारी और भड़के। उन्होंने खुद को रजाकार कह कर नारे लगाने चालू कर दिए और साथ ही शेख हसीना को तानाशाह का तमगा दे दिया। अब पूरे मामले को शांत करने की कोशिशें हो रही हैं।
भारत का इस मामले में क्या रवैया
बांग्लादेश का आंतरिक मामला होने के कारण भारत इस पर कोई टिप्पणी अभी तक सार्वजनिक रूप से नहीं की है। हालाँकि, भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूर कदम उठाए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद सलाह जारी की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रदर्शनों के दौरान भारतीयों से घरों के भीतर रहने को कहा है और किसी भी आपात स्थिति में दूतावस से सम्पर्क करने को कहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में अपने दूतावास के नम्बर भी जारी किए हैं। इस बीच कई भारतीयों के वापस अपने देश लौटने की सूचना भी है।
Advisory on the ongoing situation in Bangladesh. pic.twitter.com/mjXouAST2M
— India in Bangladesh (@ihcdhaka) July 18, 2024