बांग्लादेश में हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में सत्ताधारी दल अवामी लीग की भारी जीत हुई. शेख हसीना लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं. अपनी इस जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर कहा कि हमारे भारत के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और एक भरोसमंद दोस्त भी.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल मोमेन ने कहा, “हमारे रिश्ते पहले से ही मजबूत हैं. ये सिर्फ आज से नहीं है, जब से बांग्लादेश आजाद हुआ है तब से हैं. भारत ने हमारी आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हाल के सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी हमने अच्छा तालमेल और संबंध विकसित किए हैं. पीएम मोदी ने इसे स्वर्णिम अध्याय बताया है और हम इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं.”
बांग्लादेश में चीन का प्रभाव बढ़ने पर क्या बोले अब्दुल मोमेन?
उन्होंने कहा, “यह गलत धारणा है. बांग्लादेश में चीन का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है. चीन एक विकास भागीदार है. वे हमारी कुछ परियोजनाओं में हमारी मदद कर रहे हैं. या तो एक ठेकेदार के रूप में या एक विशेषज्ञ के रूप में लेकिन अगर आप देखें कि हमें चीन से कितना पैसा मिला है तो ये जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम है तो, ऐसा कुछ भी नहीं है.”
चीन के आगे नहीं झुकेगा बांग्लादेश
उन्होंने आगे कहा, एक और प्रोपेगेंडा चल रहा है कि बांग्लादेश चीन का कर्जदार होता जा रहा है. एक देश, दूसरे देश के कर्ज में तभी डूबा हो सकता है, जब उसकी विदेशी उधारी 55 फीसदी से अधिक हो. हमारी कुल उधारी केवल 13.6 फीसदी है. भारत में जो यह डर है, वह वास्तविक नहीं है. चीन दोस्त और डेवलपमेंट पार्टनर है. हम काफी सोच-समझकर कोई भी सहायदा या फंड लेते हैं. इसलिए लोगों को नहीं डरना चाहिए कि बांग्लादेश चीन या फिर चीनियों के आगे झुक जाएगा.
पीएम मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी पर क्या कहा
पीएम मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी को लेकर बांग्लादेशी विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने कहा कि हमारे समाज में हमारे अपने मूल्य निर्धारण में हम आम तौर पर दूसरों का सम्मान करते हैं और अपने नेताओं से इसी तरह की अपेक्षा रखते हैं. इसलिए हमारा मानना है कि हमें गरिमा और पद का सम्मान करना चाहिए.
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर क्या कहा
वहीं, भारत-बांग्लादेश रिलेशन पर उन्होंने कहा कि हमारा रिश्ता पहले से ही बहुत मजबूत है. यह सिर्फ आज की बात नहीं है, क्योंकि हमारे जन्म के समय यानी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत ही सबसे बड़ा मददगार था. उन्होंने आज़ादी के लिए हमारी तरह खून बहाया. तो हमारे पास एक ऐतिहासिक कारण है. और फिर, हाल के वर्षों में हमारी प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने बहुत अच्छा तालमेल और संबंध विकसित किया है. पीएम मोदी ने इसे स्वर्णिम अध्याय बताया है और हम इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं. हमने एक रणनीतिक साझेदारी विकसित की है, इसलिए हम भारत और बांग्लादेश और अन्य सभी पड़ोसियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ेंगे.