भारत के नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा का विशेष सत्र शुरू हो चुका है। नए संसद भवन में पहले कार्य के रूप में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया जिससे ये दिन ऐतिहासिक बन गया। हालांकि, दूसरी ओर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। अधीर ने कहा है कि जो संविधान की कॉपी उन्हें दी गई थी, उसमें से दो अहम शब्द गायब थे।
क्या है आरोप?
अधीर रंजन चौधरी ने बताया है कि संविधान की जो नई प्रतियां 19 सितंबर को उन्हें दी गई, जिसे वो लेकर नए संसद भवन में गए उसकी प्रस्तावना में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द गायब थे। अधीर ने कहा कि सभी जानते हैं कि ये दोनों शब्द संविधान में 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे। लेकिन आज संविधान में ये शब्द नहीं हैं तो ये चिंता का विषय है।
#WATCH | Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury says, "The new copies of the Constitution that were given to us today (19th September), the one we held in our hands and entered (the new Parliament building), its Preamble doesn't have the words 'socialist… pic.twitter.com/NhvBLp7Ufi
— ANI (@ANI) September 20, 2023
इरादा संदेहास्पद
अधीर रंजन ने कहा कि उन्होंने ये बात राहुल गांधी को भी बताई है। अधीर ने कहा कि हम कुछ बोलेंगे तो सरकार कहेगी कि शुरू की चीजें ही बताई गई है। अधीर ने कहा कि सरकार का इरादा संदेहास्पद है। यह बड़ी चतुराई से किया गया है। अधीर ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन उन्हें इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला।
पहले नहीं थे ये शब्द
भारत के संविधान की प्रस्तावना में पहले सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं थे। साल 1976 में इमरजेंसी के दौरान संविधान की प्रस्तावना में संशोधन किया गया और इसमें ये दो शब्द जोड़े गए। इस संशोधन को देश में 42वें संविधान संशोधन के रूप में जाना जाता है। कई बार इसे लेकर विवाद भी देखे गए हैं।