बिहार के मोकामा में हुई गोलीबारी की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खलबली मचा दी है। इस घटना में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह का नाम सामने आने के बाद मामला और भी गंभीर हो गया। अनंत सिंह ने बाढ़ कोर्ट में सरेंडर कर दिया है, जिससे इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
घटना का विवरण
- गोलीबारी का मामला: बुधवार (22 जनवरी) को मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में अनंत सिंह के समर्थकों और सोनू-मोनू गैंग के बीच जबरदस्त फायरिंग हुई।
- 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग का दावा: घटना के दौरान 100 से अधिक गोलियां चलने की खबर है। इस हिंसक झड़प के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।
- गिरफ्तारियां: पुलिस ने सोनू सिंह और अनंत सिंह के एक समर्थक रौशन को गिरफ्तार किया है। सोनू सिंह के पिता का दावा है कि उनके बेटे ने खुद सरेंडर किया था।
अनंत सिंह का सरेंडर
- सरेंडर से बचने की कोशिश: पुलिस की सख्ती और दबाव के चलते अनंत सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
- आगे की कार्रवाई: अगर कोर्ट से अनंत सिंह को अग्रिम जमानत नहीं मिलती है, तो उन्हें बाढ़ जेल या बेऊर जेल भेजा जा सकता है। बेऊर जेल भेजे जाने की स्थिति में भारी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- विपक्ष का सरकार पर हमला: इस घटना को लेकर तेजस्वी यादव, मीसा भारती और आरजेडी के अन्य नेताओं ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- आरजेडी का तंज: विपक्ष का कहना है कि पटना जैसे इलाके के पास इस तरह की घटनाएं सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं। आरोपियों के खुलेआम इंटरव्यू देने पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए।
पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने गोलीबारी के बाद सक्रियता बढ़ाते हुए कई आरोपियों को हिरासत में लिया और जांच तेज कर दी है।
- अनंत सिंह के सरेंडर के बाद पुलिस और न्यायपालिका की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
अनंत सिंह की पृष्ठभूमि
अनंत सिंह बिहार की राजनीति में एक विवादास्पद और दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन पर पहले भी आपराधिक मामलों के कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनकी स्थानीय स्तर पर एक मजबूत पकड़ रही है।
मोकामा की घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बिहार की राजनीति में गहरे ध्रुवीकरण को भी उजागर करती है। अनंत सिंह के सरेंडर के बाद इस मामले का कानूनी और राजनीतिक असर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।