आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रेप और हत्या मामले ने पूरे कोलकाता और चिकित्सा समुदाय को झकझोर दिया था। यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता, बल्कि अस्पतालों में सुरक्षा और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल खड़े करता है।
मामले का संक्षिप्त विवरण:
- घटना की तारीख: 9 अगस्त 2024
- स्थान: आरजी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता
- पीड़िता: 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर
- अपराध: बलात्कार और हत्या
- मुख्य आरोपी: संजय रॉय
घटना का विवरण:
- 9 अगस्त 2024 को महिला डॉक्टर का शव मेडिकल कॉलेज के कॉन्फ्रेंस रूम में मिला।
- फॉरेंसिक जाँच: पुष्टि हुई कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ और उसके बाद उसकी हत्या की गई।
- पुलिस को मौके पर एक ब्लूटूथ ईयरफोन मिला, जो जाँच में मुख्य सुराग साबित हुआ।
- सीसीटीवी फुटेज: संजय रॉय को ब्लूटूथ डिवाइस के साथ सेमिनार हॉल में जाते हुए देखा गया।
- गिरफ्तारी: 10 अगस्त को पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया।
जाँच और ट्रायल:
- नवंबर 2024: बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई।
- जनवरी 2025: सुनवाई पूरी हुई।
- 50 गवाहों से पूछताछ: जाँच के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाहियाँ पेश कीं।
- 18 जनवरी 2025: कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया।
आरोप और बचाव पक्ष का तर्क:
- संजय रॉय का दावा:
- उसने खुद को निर्दोष बताया।
- कहा कि यदि वह अपराधी होता, तो उसकी रुद्राक्ष की माला अपराध स्थल पर मिलती।
- उसने आरोप लगाया कि उसे झूठा फंसाया गया और असली दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई।
- अभियोजन पक्ष का तर्क:
- ब्लूटूथ डिवाइस और सीसीटीवी फुटेज को मुख्य साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया।
- गवाहियों और फॉरेंसिक जाँच से संजय रॉय की भूमिका स्पष्ट हुई।
अदालत का फैसला:
- सजा: सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई।
- धारा:
- BNS (भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की धारा 64, 66, और 103(1) के तहत दोषी करार।
- इन धाराओं में बलात्कार और हत्या जैसे संगीन अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है।
मामले के सामाजिक और कानूनी प्रभाव:
- चिकित्सा समुदाय का विरोध:
- डॉक्टरों ने महिला सुरक्षा और अपराधियों को सख्त सजा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
- कार्यस्थल पर सुरक्षा के सवाल:
- अस्पतालों और अन्य कार्यस्थलों पर महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ीं।
- न्याय की प्रक्रिया:
- इस मामले ने तेज और प्रभावी न्यायिक प्रक्रिया की मिसाल पेश की।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना ने अपराध और कार्यस्थल सुरक्षा पर गहरी छाप छोड़ी है। हालाँकि, कोर्ट के फैसले के बावजूद संजय रॉय के बयान ने मामले को और विवादित बना दिया है। विस्तृत जाँच और साक्ष्यों के आधार पर दोषी को सजा सुनाई गई है, लेकिन यह घटना महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीर सुधारों की माँग करती है।