केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में खराब सुविधाओं को लेकर घोर विरोधी दलों बीजेपी और कांग्रेस का सुर एक नजर आ रहा है। बता दें कि खराब सुविधाओं के कारण सबरीमाला तीर्थयात्रा रुकने की खबरों के बीच बीजेपी ने जहां सूबे की CPM के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF के सांसदों ने ‘सबरीमाला बचाओ’ और ‘तीर्थयात्रियों के लिए न्याय’ के नारे लगाए। बता दें कि कांग्रेस इससे पहले भी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर कड़े हमले करती रही है।
‘कम्युनिस्ट सबरीमाला को खत्म करना चाहते हैं’
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने मंदिर शहर में अच्छी सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहकर तीर्थयात्रियों के लिए कठिनाइयां पैदा करने के लिए कम्युनिस्ट सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘हर कोई जानता है कि कम्युनिस्ट सबरीमाला को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि यही उनकी विचारधारा है। जब से मौजूदा सीजन शुरू हुआ है, तीर्थयात्रियों को सुविधाओं की कमी के कारण परेशानी हो रही है। हम सभी जानते हैं कि यह तीर्थयात्रा कोई ऐसी चीज नहीं है जो हाल ही में शुरू हुई हो, यह सदियों से सबसे लोकप्रिय तीर्थस्थल रहा है। सरकार इस मंदिर को खत्म करने पर तुली हुई है।’
सबरीमाला मंदिर में उमड़ रही जबरदस्त भीड़
बता दें कि पिछले 5 दिनों में मंदिर में अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी है और 80,000 से ज्यादा तीर्थयात्री यहां पहुंचे हैं। दर्शन के इंतजार में लोग 5 से 6 घंटे लाइनों में खड़े रहते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें लगभग 15 से 20 घंटे लग रहे हैं। यही वजह है कि कई तीर्थयात्रियों को बड़ी परेशानी हो रही है। कांग्रेस नेतृत्व सुचारू तीर्थयात्रा सुनिश्चित नहीं करने के लिए विजयन प्रशासन की आलोचना कर रहा है। मंगलवार सुबह नाराज कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ सांसदों ने नारे लगाए और सबरीमाला और वहां जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की।
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी साधा निशाना
मंगलवार को गुस्साए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए त्रावणकोर देवासम बोर्ड (सबरीमाला मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था) के दफ्तर पर धावा बोल दिया। विपक्ष ने बताया कि सबरीमाला में पूरी तरह से प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है, जबकि विजयन सरकार 27 नवंबर से राज्यव्यापी बस यात्रा पर है। मंत्री केवल क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अपने दफ्तरों में वापस आएंगे। वहीं, देवस्वओम राज्य मंत्री के. राधाकृष्णन ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि विपक्ष के दावे राजनीतिक लाभ के लिए किए गए हैं।
‘काफी तीर्थयात्री आ गए इसलिए भीड़ हो गई’
राधाकृष्णन ने कहा, ‘इस सीजन में भारी संख्या में तीर्थयात्री आए हैं इसलिए भीड़ हुई है। अधिकारियों ने उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं देने की पूरी कोशिश की है। हमने अब दर्शन और स्पॉट बुकिंग की संख्या को कम करने का फैसला किया है।’ बता दें कि सीजन का पहला चरण 27 दिसंबर को समाप्त होता है और दूसरे चरण के लिए 30 दिसंबर को फिर से खुलता है। समुद्र तल से 914 मीटर की ऊंचाई पर पश्चिमी घाट के पहाड़ों पर स्थित सबरीमाला मंदिर पथानामथिट्टा जिले में पंबा से 4 किलोमीटर की दूरी पर है, जो तिरुवनंतपुरम से लगभग 100 किमी दूर है।