उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में 4 नगरपालिका और 7 नगर पंचायत के सीटों के रिजल्ट देर रात तक घोषित कर दिए गए हैं, जिनमें बीजेपी ने जिले की 11 सीटों में 7 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई है. वहीं, बुंदेलखंड की सबसे बड़ी नगर पालिका उरई की सीट बसपा के खाते में आई है. उधर, जालौन की कोंच नगर पालिका की बात करे तो बीजेपी ने 36 साल बाद इस सीट पर जीत हासिल की है.
दरअसल, साल 1987 में बीजेपी कोंच सीट पर जीती थी, जिसके बाद से ही इस पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन इस बार बीजेपी ने इस तिलिस्म को तोड़ते हुए महज 43 वोटों से जीत हासिल कर अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है. यह सीट केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी, क्योंकि यह सीट उनके गृह नगर की थी, जो 5 बार से सांसद होने के बावजूद भी इस सीट पर बीजेपी को जीत नहीं दिला सके थे.
वहीं, प्रदेश की 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 545 नगर पंचायत सीटों के परिणाम देर रात तक घोषित कर दिए गए, जिसमें बीजेपी को प्रचंड सीटें मिली है. जहां जालौन में भी बीजेपी ने सबसे ज्यादा 7 सीटें जीती हैं. वहीं, सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा बीजेपी की जिले की पहली नगर पालिका और जालौन की दूसरी बड़ी सबसे बड़ी नगर पालिका सीट कोंच पर लगी हुई थी.
इस सीट पर बीजेपी 36 साल से जीत हासिल नहीं कर पा रही थी और नजदीकी मुकाबले में हार जाती थी. इसीलिए इस सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा के साथ-साथ यूपी सरकार के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति और संगठन के पदाधिकारियों को लगाया गया था, जिससे इस सीट पर जीत हासिल हो सके.
हालांकि, 36 साल बाद बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता ने इस सीट पर नजदीकी मुकाबले में बीजेपी से बगावत कर चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे विज्ञान विशारद सिरौठिया को महज 43 वोटों से शिकस्त दी है. कोंच नगर पालिका सीट की बात करे तो इसे सीट पर पंचकोणीय मुकाबला देखने को मिला, जहां पहले दूसरे राउंड में बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता मामूली वोटों से बढ़त बनाए रहे.
जैसे ही तीसरा और चौथा राउंड खुला निर्दलीय उम्मीदवार विज्ञान विशारद सिरोठिया बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता से 300 से ज्यादा वोटों की बढ़त बनाते हुए आगे निकल गए. जबकि,पांचवे राउंड में बसपा प्रत्याशी शीतल कुशवाहा ने बढ़त बनाई, उसके बाद आखिरी दो राउंड में फिर से बढ़त बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता ने बना ली, जो अंतिम बढ़त रही और 43 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता ने जीत हासिल कर बीजेपी से बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय उम्मीदवार विज्ञान सिरोठिया को हरा दिया.
इसके साथ ही बीजेपी 36 साल बाद इस सीट को जीतने में कामयाब रही. चूंकि, साल 1987 में बीजेपी प्रत्याशी पंडित राधेश्याम दांतरे ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. इस सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा के साथ-साथ जिले के प्रभारी प्रदेश के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी. वह लगातार चुनाव नामांकन होने के बाद से ही इस सीट पर घर-घर जाकर नुक्कड़ सभा करके मतदाताओं से मिल रहे थे, जिसके बाद ही इस सीट पर बीजेपी जीत हासिल कर पाई है.