केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बीजेपी अडिग है। पार्टी इससे दो कदम भी पीछे नहीं हटेगी। साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी मोदी सरकार के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। इसे देश का कानून बताते हुए कहा है कि यह जरूर लागू होगा।
उन्होंने ये बातें गुरुवार (14 नवंबर,2023) को ‘एजेंडा आजतक’ में कही। शाह से पूछा गया कि आर्टिकल 370, राम मंदिर, यूसीसी बीजेपी के कोर मुद्दे रहे हैं। आर्टिकल 370 हट गया। राम मंदिर बन रहा है। लेकिन यूसीसी की बात बीजेपी राज्यों में कर रही है। इसे देश में लागू करने को लेकर पार्टी की सोच क्या है?
इस पर गृहमंत्री शाह ने कहा, “इसे आप बीजेपी के एजेंडे के रूप में देश की जनता के सामने प्रस्तुत मत करिए। ये संविधान सभा का देश के विधान मंडल और संसद को एक शासनादेश था। राज्य के नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 44 में हमारी संविधान सभा ने कुछ ऐसी चीजे रखीं थीं जो आजादी के तुरंत बाद संविधान सभा लागू नही कर पाई थी तो उसे अनुच्छेद 44 के माध्यम से राज्य के नीति निर्देशक तत्व नीति में लिया गया और यूनिफॉर्म सिविल कोड उसमें से एक है।”
हम UCC लाने के लिए अडिग हैं… pic.twitter.com/i69uYvaTdq
— Amit Shah (@AmitShah) December 14, 2023
‘कॉन्ग्रेस ने वोट बैंक पॉलिटिक्स में इसे छोड़ा’
उन्होंने कहा, “ये बात अलग है कि बाद में वोट बैंक की पॉलिटिक्स में कॉन्ग्रेस ने इसको छोड़ दिया और संविधान सभा में ज्यादातर कॉन्ग्रेस के ही नेता थे। सबसे बड़े कॉन्ग्रेस के नेता उसमें बैठे थे और उन्होंने ही ये बनाया है परंतु बीजेपी ने इसको पकड़ कर रखा है, क्योंकि किसी भी धर्म निरपेक्ष शासन का सबसे बड़ा लक्षण ये है कि सब धर्मों के नागरिकों के लिए एक कानून हो। मगर कॉन्ग्रेस ने इसको भुला दिया। वोट बैंक की पॉलिटिक्स के कारण। भारतीय जनता पार्टी इसे नहीं मानती है। हमारे 1950 से जितने भी चुनावी संकल्प पत्र हैं इसका वादा है कि इस देश में बीजेपी यूसीसी लाने का प्रयास करेगी।”
CAA देश का कानून है और उसका लागू होना तय है। pic.twitter.com/3lBUhdXREq
— Amit Shah (@AmitShah) December 14, 2023
‘यूसीसी पर अडिग है बीजेपी’
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा, “जहाँ तक इसे राज्यों में लागू करने के प्रयासों की बात है तो देखिए कॉमन सिविल कोड बहुत बड़ा सामाजिक और लीगल परिवर्तन है। इस पर सबकी राय चाहिए तो एक राज्य, दो राज्य, तीन राज्य अगर इसको करते हैं, कमेटियाँ बनती हैं। इसकी सुनवाई होती है, लाखों लोगों से मिला जाता है और उसके अभिप्रायों के आधार पर एक कानून बनता है। इसकी लीगल स्क्रूटनी (कनूनी जाँच पड़ताल) भी होगी और उसके बाद में जो मैच्योर चीज होगी वो ऑटोमैटिकली सारा देश स्वीकार करेगा। इसका मुझे भरोसा है। मगर आप ये मानकर चलिए की भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यूसीसी लाने पर अडिग है और इसमें हम कहीं पर भी दो कदम भी पीछे हटने वालों में नहीं हैं।”
‘CAA देश का कानून, ये लागू होना तय है’
इस दौरान गृहमंत्री शाह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लेकर कहा,” सीएए देश का कानून है और ये पार्टिशन यानी बँटवारे के बाद जो हिंदू भाई-बहन विशेषकर और बाकी 6 धर्मों के जितने भी मतावलंबी पाकिस्तान बांग्लादेश और अन्य देशों में रह रहे थे। इनके साथ जो धार्मिक प्रताड़ना हुई उससे न्याय दिलाने का एक इंस्ट्रयूमेंट यानी औजार है।”
उन्होंने आगे कहा,” मैं आज आपके कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को कहना चाहता हूँ कि सीएए देश का कानून है। इसका जरूर इम्पीलिमेंटेशन (लागू) होगा और सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली। विशेषकर माइनोयरिटी में और विशेषकर मुस्लिमों में इसका अप्रचार किया गया कि इससे आपकी नागरिकता चली जाएगी। सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाती है। ये नागरिकता लेने का कानून नहीं है। ये नागरिकता देने का कानून हैं। ये निश्चित रूप से लागू होगा। उचित समय पर सीएए लागू होना स्पष्ट है। पर वो लागू होगा ही।”
इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने कहा,” मैं मानता हूँ कि पीओके पर अनाधिकृत कब्जा है और ये भारत का एक हिस्सा है।”