गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वाव विधानसभा सीट पर जीत महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है। भाजपा प्रत्याशी स्वरूप ठाकोर ने कांग्रेस के गुलाबसिंह राजपूत को हराकर न केवल इस सीट पर पार्टी का परचम लहराया, बल्कि यह जीत भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से भी अहम मानी जा रही है।
वाव विधानसभा सीट की विशेषता:
- पिछले चुनावों का परिणाम:
- यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, जहां भाजपा को पहले हार का सामना करना पड़ा था।
- गुजरात विधानसभा में भाजपा पहले से ही प्रचंड बहुमत में है, लेकिन वाव सीट पर उसकी जीत से विपक्ष पर दबाव और बढ़ गया है।
- इस बार का चुनाव:
- शुरुआत के राउंड्स में कांग्रेस प्रत्याशी गुलाबसिंह राजपूत ने बढ़त बनाई हुई थी।
- लेकिन अंतिम राउंड्स में बाजी पलट गई, और स्वरूप ठाकोर ने करीबी मुकाबले में जीत हासिल की।
भाजपा के लिए जीत का महत्व:
- क्षेत्रीय दबदबा बढ़ाना:
- यह जीत भाजपा की क्षेत्रीय राजनीति में पकड़ को और मजबूत करती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कांग्रेस अब तक प्रभावशाली रही थी।
- मोदी के गृह राज्य में प्रभाव:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में यह जीत भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है।
- यह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों और रणनीति को मजबूत करेगा।
- कांग्रेस को झटका:
- कांग्रेस के लिए यह हार निराशाजनक है, क्योंकि उसने वाव सीट पर शुरू में मजबूत प्रदर्शन किया था।
- इस हार से विपक्षी दल की कमजोरियों पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
कितने वोटों का रहा अंतर?
कांग्रेस प्रत्याशी गुलाबसिंह राजपूत को बीजेपी के स्वरूप ठाकोर ने 2436 मतों के अंतर से हराया है। राजपूत को जहां 89693 वोट मिले वहीं ठाकोर के नाम पर 92129 लोगों ने मतदान किया था। तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार मावजीभाई पटेल रहे जिन्हें कुल 27183 वोट मिले। बता दें कि वाव विधानसभा सीट गेनीबेन ठाकोर के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण खाली हुई थी। गेनीबेन ने 2022 में बीजेपी के स्वरूप ठाकोर को हराकर ही विधानसभा चुनाव जीता था। ऐसे में स्वरूप ठाकोर ने यह सीट जीतकर कांग्रेस से पिछली हार का बदला ले लिया। वाव सीट पर हुए इस उपचुनाव में NOTA को भी 3358 वोट मिले और वह चौथे नंबर पर रहा।
2022 में आई थी BJP की सुनामी
बता दें कि 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की थी और 182 में से 156 सीटों पर अपना परचम लहराया था। उन चुनावों में कांग्रेस मात्र 17 सीटों पर सिमट गई थी जबकि आम आदमी पार्टी ने भी 5 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि 2024 आते-आते कांग्रेस के कई विधायकों ने पाला बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। इस तरह विधानसभा में कांग्रेस की ताकत और घट गई। वाव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ठाकोर की रोमांचक जीत ने बीजेपी की ताकत में और इजाफा ही किया है।