बाहुबली मुख्तार अंसारी अब अतीत हो चुका है। बांदा जेल में निधन के बाद मुख्तार को कब्र में भले ही दफन किया जा चुका है। लेकिन इस बार लोकसभा की जंग में गाजीपुर का ‘मुख्तार’ बनने की लड़ाई कांटे की है। मुख्तार का अरबी अर्थ होता है चुना हुआ मुखिया या संरक्षक। ऐसा ही गाजीपुर में देखने को मिल रहा है। एक तरफ मुख्तार के बड़े भाई और वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी सपा से मैदान में हैं। वहीं मुख्तार के फातिहा की रस्म के दिन बीजेपी ने बुधवार को पारसनाथ राय (Parasnath Rai) को टिकट दे दिया है।
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी पारसनाथ?
यूपी में प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए बीजेपी ने बुधवार को गाजीपुर से पारसनाथ राय को उम्मीदवार बनाया है। वह मदन मोहन मालवीय के नाम से शिक्षण संस्थान चलाते हैं। पारस को मनोज सिन्हा के बेहद करीबी लोगों में शुमार किया जाता है। पारसनाथ राय के बेटे आशुतोष राय भी राजनीति में सक्रिय हैं। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
RSS से जुड़े, मनोज सिन्हा के खास
गाजीपुर से बीजेपी कैंडिडेट पारसनाथ राय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में जंगीपुर क्रय-विक्रय संघ के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए थे। उनको पूर्व सांसद और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है। यह पहले से माना जा रहा था कि गाजीपुर में जिसे भी टिकट मिलेगा वह मनोज सिन्हा की सहमति पर ही दिया जाएगा।
पारसनाथ राय, बीएचयू में मनोज सिन्हा के सम्पर्क में पढ़ाई के दौरान आए। पढ़ाई समाप्त करने के बाद पारसनाथ ने सिखड़ी में आकर स्कूल और कॉलेज की स्थापना की। बताया जाता है कि मदन मोहन मालवीय के नाम मदन मोहन मालवीय सिखड़ी इंटर कॉलेज की स्थापना किया। इसके बाद उन्होंने शबरी पीजी कॉलेज सिखड़ी और विद्या पब्लिक स्कूल की भी स्थापना की। मनोज गाजीपुर से जब लोकसभा चुनाव लड़े इस दौरान पारसनाथ राय चुनाव प्रबंधन में शामिल रहते थे। पहली बार सक्रिय राजनीति में भाजपा ने उन्हें लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।
पारसनाथ राय, गाजीपुर के मनिहारी ब्लॉक के जखनियां (सुरक्षित) विधानसभा के सिखडी ग्राम सभा के निवासी हैं। वह लंबे समय से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। यहां से बीजेपी की तरफ से मनोज सिन्हा के बेटे अभिनव सिन्हा, दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय सहित अन्य चेहरों को लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा तेज थी।