विवादों में घिरे चंडीगढ़ मेयर में सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बाद आज सोमवार को चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव आयोजित करवाया गया है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के उम्मीदवार कुलजीत सिंह संधु ये चुनाव जीतकर चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर बन गए हैं। बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कदाचार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने AAP उम्मीदवार को विजयी घोषित किया था।
किसे कितने वोट?
चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में कुल 36 पार्षदों ने वोटिंग की। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कुलजीत सिंह संधु को 19 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस-AAP के उम्मीदवार को 16 वोट मिले। वहीं, चुनाव में 1 वोट अवैध करार दिया गया है। इसके साथ ही कुलजीत सिंह संधु चंडीगढ़ नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर बन गए हैं।
सुप्रीम ने पलट दिया था फैसला
बीजेपी के उम्मीदवार ने 30 जनवरी को मेयर चुनाव में आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी. इसके बाद गठबंधन ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह पर गड़बड़ी के आरोप लगाए.
मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था. इसके बाद आप के उम्मीदवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट को पलट दिया और आप के उम्मीदवार को विजेता घोषित किया.
क्या हैं समीकरण?
चंडीगढ़ नगर निगम के 35 सदस्यीय सदन में, बीजेपी के पास 14 पार्षद हैं, जिसमें सांसद और पदेन सदस्य किरण खेर का एक और वोट है.
AAP के पास 13, जबकि कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है, जिसने बीजेपी को समर्थन दिया है. आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के पाला बदलने से बीजेपी के पास 19 वोट हो जाएंगे, जिसमें एक शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है.
बता दें कि चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने गठबंधन किया है. इस सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. इस समय बीजेपी की किरण खेर सांसद हैं.
क्या है मेयर पद का पूरा विवाद?
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर चुनाव आयोजित किए गए थे। इस चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने जीत दर्ज की थी। चुनाव में सोनकर को 16 तो वहीं, कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे। वहीं, 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे। हालांकि, चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जहां कोर्ट ने कुलदीप कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया।