भारत-चीन सीमा पर बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट यानी बीआईपी को तैनात किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन की सभी हरकतों और घुसपैठ पर नजर रखेगी. देश की सीमा पर सुरक्षा के लिहाज से सरकार का ये कदम बेहद अहम मानाजा रहा है.
बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट को इंडो-तिब्बत बॉर्डर और लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की शुरूआत अरुणाचल प्रदेश के मागो से होगी. इन चौकियों से बीआईपी सीमा के पास ये पोस्ट बीजिंग की ओर से सैन्य और हथियारों की तैनाती से जुड़ी हर गतिविधियों पर नजर रखने का काम करेगी. सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस मिलकर इस काम को अंजाम देंगे.
चीन के हर कदम पर रहेगी नजर
हाल के दिनों में भारत की सीमा पर चीन ने कई बार घुसपैठ की है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर बढ़ती चीनी गतिविधियों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अतिक्रमण को देखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग जैसी एजेंसियां भी बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट केस काम में मदद करेंगी.
हाल ही में मिली थी 45 नई चौकियां बनाने की मंजूरी
जानकारी के मुताबिक ब्यूरो के करीब चार से पांच अधिकारियों को सभी बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट पर तैनात किया जाएगा. ये सभी अधिकारी सीमा पर हर गतिविधी पर नजर रखेंगे. साथ ही हर बात की खबर सरकार को देंगे. तैनात किए गए अधिकारियों की जिम्मेदारी आईटीबीपी के जवानों पर होगी. भारत-चीन सीमा पर ITBP की लगभग 180 चौकियां हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में 45 और चौकियां बनाने की मंजूरी दी थी.
चीन अक्सर करता है भारत की सीमा में घुसपैठ
आपको बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर (एलएसी) चीन अक्सर भारत की सरजमीं पर घुसपैठ करता है. भारत के हिस्से पर चीन अपना दावा करता है. 2020 में चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी. इस दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच जमकर झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.
चीन की घुसपैठ देश में राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है. कांग्रेस समेत तमामविपक्षी दल चीन की घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते रहते हैं.