बच्चों की ग्रोथ बढ़ाने का दावा करने वाले बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्थ ड्रिंक्स बाजार और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर उपलब्ध हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ऐसे हेल्थ ड्रिंक्स वाकई में आपके बच्चों के लिए सेहतमंद हैं या नहीं? अब, भारत सरकार ने हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेवरेज बेचने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है.
FSSAI ने इस महीने क्या निर्देश दिए थे
बता दें कि इस महीने की शुरुआत यानी दो अप्रैल को FSSAI ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को डेयरी, अनाज या माल्ट बेस्ड पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक्स या ‘एनर्जी ड्रिंक्स’ के रूप में लेबल नहीं करने का निर्देश दिया था। हेल्थ ड्रिंक्स शब्द को देश के खाद्य कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को वेबसाइट से बॉर्नविटा सहित सभी बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स कैटेगरी’ से हटाने को कहा है. एडवाइजरी में बताया गया है कि विभाग के संज्ञान में आया है कि बॉर्नविटा सहित कुछ पेय पदार्थों को ई-कॉमर्स साइटों और प्लेटफार्म्स पर ‘हेल्थ ड्रिंक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी जांच के बाद पाया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स कानून के तहत ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कोई परिभाषा नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों और वेबसाइट्स को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स से बॉर्नविटा सहित बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कैटेगरी से हटा दें.
मालूम हो कि एनसीपीसीआर ने चिट्ठी लिखकर बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्थ ड्रिंक्स और बेवरेज को बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदेह बताया था. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने चिट्ठी लिखकर एडवाइजरी जारी की है.