भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ और ‘ऑपरेशन पुश-बैक’ की गंभीरता और व्यापकता को स्पष्ट करता है। इसे समझना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, और राजनीतिक स्थिरता की दृष्टि से बेहद जरूरी है। नीचे बिंदुवार रूप में इसका विश्लेषण प्रस्तुत है:
भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ: मौजूदा स्थिति
बीएसएफ (BSF) की रिपोर्ट के अनुसार:
वर्ष | पकड़े गए घुसपैठिए | वापस भेजे गए |
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2023 | 2406 | सभी वापस भेजे गए |
2024 | 2425 | सभी वापस भेजे गए |
2025 (मई तक) | 557 | प्रक्रिया जारी |
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कुल (3 साल में): 5388 घुसपैठिए पकड़े गए।
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घुसपैठ का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट: पश्चिम बंगाल – अकेले 2688 घुसपैठिए।
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अन्य राज्य: त्रिपुरा (771), मिजोरम (उल्लेखनीय), असम (कम लेकिन निरंतर)।
‘ऑपरेशन पुश-बैक’ क्या है?
लॉन्च: अप्रैल 2025
लक्ष्य: अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तेज पहचान और निष्कासन
प्रमुख बदलाव:
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लंबी कानूनी प्रक्रिया (FIR, कोर्ट, मुकदमा) को दरकिनार किया गया है
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पुलिस के बजाए सुरक्षा बलों को प्रत्यक्ष कार्रवाई का अधिकार
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30 दिनों की सीमा में पहचान और पुष्टि
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उसके बाद सीधी बांग्लादेश सीमा पार कर निष्कासन
📌 अब तक की उपलब्धियाँ:
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2000 अवैध घुसपैठिए सीधे सीमा से बाहर किए गए
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2000 और खुद से वतन वापसी के लिए तैयार हुए
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बायोमेट्रिक डेटाबेस में दर्ज – पुनः प्रवेश रोकने की तकनीकी तैयारी
पश्चिम बंगाल: राजनीतिक आरोप और घुसपैठ की राजनीति
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गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया:
“TMC सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देती है”
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मुख्य आरोप:
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वोट बैंक के लिए सीमा को ‘सॉफ्ट’ रखा गया
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बांग्लादेशी घुसपैठियों को राशन कार्ड, आधार और निवास जैसे कागजात दिलाए गए
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TMC सरकार पर सत्ता के लिए घुसपैठियों का उपयोग करने का आरोप
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रक्षा और सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदम:
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BSF की चौकसी – संवेदनशील बॉर्डर सेक्टरों में गश्त बढ़ी
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टेक्नोलॉजी का उपयोग –
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बायोमेट्रिक पहचान
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राष्ट्रीय डेटाबेस से लिंक
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राज्यों से समन्वय – पुलिस और प्रशासन को ऑपरेशन पुश-बैक में शामिल किया गया
राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या पर प्रभाव:
पहलू | असर |
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आंतरिक सुरक्षा | आतंकी मॉड्यूल और आपराधिक गतिविधियों की आशंका कम होगी |
जनसांख्यिकीय संतुलन | घुसपैठ प्रभावित जिलों में डेमोग्राफिक शिफ्ट रोकी जा सकेगी |
संसाधनों पर दबाव | शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी सुविधाओं पर बोझ घटेगा |
राजनीति | वोट बैंक और “सेक्युलर बनाम सुरक्षा” की बहस तेज होगी |
‘ऑपरेशन पुश-बैक’ भारत सरकार का एक निर्णायक, व्यावहारिक और तेज़ रणनीतिक प्रयास है जो:
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कानून की जटिलता को दरकिनार करते हुए
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राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसांख्यिकी संतुलन को प्राथमिकता देता है।