सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) ड्रोन्स की खरीद की मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को दिए गए प्रस्ताव से भारत की सीमा सुरक्षा प्रणाली में एक बड़ा तकनीकी बदलाव आने की संभावना है। यह कदम विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश जैसी संवेदनशील सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
MALE ड्रोन्स की विशेषताएँ और उपयोग:
- मध्यम ऊंचाई पर लंबी अवधि की निगरानी:
- ये ड्रोन्स 10,000 से 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और 24 घंटे से अधिक समय तक लगातार निगरानी कर सकते हैं।
- इनकी लंबी उड़ान अवधि उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों के बड़े हिस्सों पर निरंतर नजर रखने में सक्षम बनाती है।
- अत्याधुनिक सेंसर और कैमरे:
- इनमें हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे और आधुनिक सेंसर लगे होंगे, जो दिन और रात के समय हर मौसम में स्पष्ट दृश्य प्रदान कर सकते हैं।
- इन ड्रोन्स से रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन किया जा सकेगा, जिससे घुसपैठ और तस्करी जैसी गतिविधियों का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
- तकनीकी बहुमुखी प्रतिभा:
- ये ड्रोन्स न केवल निगरानी (ISR) कार्यों के लिए उपयोगी हैं, बल्कि खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए भी सुसज्जित किए जा सकते हैं।
- यह उन्हें एक बहुआयामी उपकरण बनाता है, जो सीमा पर उभरती चुनौतियों का सामना करने में सहायक है।
भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर उपयोगिता:
- विविध भौगोलिक इलाकों में प्रभावी:
- भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी इलाकों और ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में मानव आधारित निगरानी सीमित है, जिसे ये ड्रोन्स कवर कर सकते हैं।
- भारत-बांग्लादेश सीमा पर घने जंगल और नदी क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों की निगरानी के लिए ये ड्रोन्स अत्यधिक प्रभावी होंगे।
- तस्करी और घुसपैठ की रोकथाम:
- इन ड्रोन्स के जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रही तस्करी, हथियारों की आवाजाही और घुसपैठ की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकती है।
मौजूदा चुनौतियाँ और समाधान:
- मौजूदा ड्रोन बेड़े की सीमाएँ:
- वर्तमान में BSF के पास छोटे और सीमित क्षमता वाले ड्रोन्स हैं, जो बड़े और जटिल क्षेत्रों की निरंतर निगरानी के लिए अपर्याप्त हैं।
- MALE ड्रोन्स इन सीमाओं को दूर करेंगे और सीमा पर निगरानी के एक नए मानक को स्थापित करेंगे।
- वित्तीय और तकनीकी बाधाएँ:
- इन अत्याधुनिक ड्रोन्स की खरीद और संचालन में लागत और तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी।
- हालांकि, गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर सक्रिय विचार कर रहा है, क्योंकि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुरूप है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव:
- MALE ड्रोन्स को शामिल करने से BSF की निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमता में बड़ा सुधार होगा।
- यह कदम भारत की सीमाओं को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ, देश की तकनीकी श्रेष्ठता को भी प्रदर्शित करेगा।
- इसके अलावा, यह भारत की “स्मार्ट सीमा प्रबंधन” नीति का हिस्सा होगा, जो तकनीकी समाधान के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित है।
MALE ड्रोन्स की खरीद और संचालन BSF के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति होगी, जिससे सीमाओं की निगरानी पहले से अधिक प्रभावी और सटीक होगी। यह न केवल भारत की सुरक्षा रणनीति को मजबूती देगा बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के करीब भी ले जाएगा। यदि गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो यह सीमा सुरक्षा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।