बिजली चोरी में घिरे उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिजली विभाग ने 1.91 करोड़ रुपए का बिल जारी किया है। विभाग ने सांसद के घर की बिजली सप्लाई भी काट दी है। वहीं, प्रशासन ने उनके घर के बाहर बनी नालियों के ऊपर की सीढ़ियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया है। दूसरी तरफ, बिजली विभाग के अधिकारियों को धमकाने वाला उनके अब्बू ममलूक उर रहमान का वीडियो भी सामने आया है।
बिजली विभाग के एसडीओ संतोष त्रिपाठी ने बताया कि जब बिजली विभाग की टीम ने सांसद बर्क के घर में लगे मीटर की रीडिंग ली तो वो जीरो निकली थी। इसके बाद विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा गया। नोटिस पर 15 दिन में रकम जमा नहीं करने पर विभाग की तरफ से आरसी जारी की जाएगी। अब बिजली विभाग ने उन पर 1.91 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
बता दें कि बिजली विभाग ने गुरुवार (19 दिसंबर 2024) की सुबह तलाशी ली। इस दौरान बर्क के घरवालों ने बिजली के मीटर की जाँच करने से टीम को रोका और जूनियर इंजनीनियर को धमकी भी दी। इस वीडियो भी सामने आया है। जिस वक्त बिजली विभाग के कर्मचारी उनके घर रीडिंग लेने के लिए गए थे, उस वक्त उनके साथ रैपिड ऐक्शन फोर्स, PAC और पुलिस की बड़ी संख्या में जवान मौजूद थे।
जाँच के दौरान सपा सांसद जियाउर्रहमान के अब्बू ममलूक रहमान बर्क ने अधिकारियों को धमकाते हुए कहा था, “हमारी सरकार आने दो…बहुत बदल गया है तू। ये सरकार रहेगी तो तुम्हारा कबाड़ा कर देगी।।” उन्होंने आगे कहा था, “एक आवाज देंगे तो बाहर भीड़ आकर खड़ी हो जाएगी।” इसके बाद उनके खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कराया गया था।
बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर वीके गंगवाल ने बताया, “बर्क के घर में हम मीटर रीडिंग कर रहे थे। वहाँ पर सांसद के पिता मौजूद थे। उन्होंने हमें धमकाया और कहा- वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। सरकार बदलेगी तो आपके खिलाफ कार्रवाई कराएँगे। आप हमारी वीडियो बना रहे हैं। आप मुझ पर FIR कराएँ। हम आप पर FIR कराएँगे।”
वहीं, जियार्रहमान पर बिजली चोरी का एक अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब प्रशासन ने उनके घर की बिजली भी काट दी है। उन्हें जुर्माने की राशि को जल्द से जल्द जमा कराने के लिए कहा गया है। वहीं, नगरपालिका के अधिकारियों ने प्रशासन के साथ मिलकर उनके घर के पास बने अवैध निर्माण को ढहा दिया है।
दरअसल, सांसद जियाउर्रहमान के घर में बिजली के दो मीटर लगे हैं। इन मीटरों में टेम्परिंग यानी छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं। यही कारण है कि बीते एक साल में उनके घर में बिजली के मीटर की रीडिंग जीरो रही। इसके बाद कुछ दिन पहले ही बिजली विभाग ने सांसद जियाउर्रहमान के घर के पुराने मीटर को जब्त करके जाँच के लिए भेज दिया था और उसकी जगह पर नई और स्मार्ट मीटर लगाए थे।
रिपोर्ट के अनुसार सपा सांसद के दो मंजिला घर में 83 बल्ब, 19 पंखे और 3 एसी चलाए जा रहे थे। गीजर से लेकर माइक्रोवेव तक अन्य आधुनिक उपकरण का भी इस्तेमाल हो रहा था। बिजली विभाग ने बताया है कि इस घर में 16,480 वॉट के उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बावजूद कई महीनों से उनके घर का बिजली बिल शून्य आ रहा था।
प्रशासनिक और राजनीतिक पहलू:
- प्रशासन का रुख:
- प्रशासन ने इसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई बताया।
- बिजली चोरी जैसे गंभीर मामलों में जुर्माना लगाना और अवैध निर्माण हटाना प्रशासनिक जिम्मेदारी है।
- विपक्ष का आरोप:
- सपा ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया।
- पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
- कानूनी परिणाम:
- यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सांसद और उनके परिवार के लिए गंभीर कानूनी समस्याएं खड़ी कर सकता है।
- प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना न भरने पर आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी की जाएगी।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव:
- यह घटना सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी सपा के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक है।
- प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि बिजली चोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है।
- सपा के लिए यह मामला राजनीतिक और कानूनी चुनौती बन सकता है, क्योंकि सांसद का बचाव करना पार्टी की छवि पर असर डाल सकता है।