चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को साइबरस्पेस के अभियानों के संचालन में कमांडरों का मार्गदर्शन करने वाला संयुक्त सिद्धांत (डाक्टरीन) जारी किया। यह सिद्धांत एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो मौजूदा जटिल सैन्य अभियानों के इतर साइबर जगत के संचालन में कमांडरों, कर्मचारियों और पेशेवरों का मार्गदर्शन करेगा।
तीनों सेनाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम
यह तीनों सेनाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह सिद्धांत साइबर जगत के सैन्य पहलुओं को समझने पर जोर देता है। इसके अलावा, यह योजना बनाने और वांछित लक्ष्यों को हासिल करने में सेना को वैचारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह दस्तावेज ऐसे समय में जारी किया गया है, जब सरकार देश की सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए थिएटर कमान शुरू करने पर विचार कर रही है।
एक महत्वपूर्ण कदम
जनरल चौहान ने चीफ आफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की बैठक के दौरान संयुक्त सिद्धांत जारी किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह सिद्धांत कमांडरों को आज के जटिल सैन्य अभियानों के माहौल में साइबर जगत का संचालन करने में मार्गदर्शन देगा। मंत्रालय ने कहा कि साइबर जगत के संचालन के लिए संयुक्त सिद्धांत प्रक्रिया को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रालय ने कहा कि साइबर जगत के संचालन के लिए संयुक्त सिद्धांत प्रक्रिया को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दौरान सीडीएस ने भविष्य के युद्धों में साइबर जगत की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि थल, समुद्र और वायु सहित युद्ध के पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा साइबर जगत भी भविष्य के युद्धों में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि साइबर जगत एक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि थल, समुद्र और वायु क्षेत्र की क्षेत्रीय सीमाओं के विपरीत साइबर जगत एक वैश्विक साझा क्षेत्र है। इसलिए इसकी साझी संप्रभुता है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि साइबर जगत में शत्रुतापूर्ण कार्रवाई देश की अर्थव्यस्था, सामंजस्य, सियासी फैसलों और राष्ट्र की खुद की रक्षा करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसने आगे कहा कि साइबर जगत में अभियानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के ताने-बाने में ढालने की जरूरत है।