मौजूदा हालात में राज्य सरकार के पास जीवन जरूरी वस्तुओं, दवाइयों, ईंधन आदि का भंडार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य के सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर उनके जिलों में ऐसी किसी भी वस्तु की जरूरत प्रतीत हो कि वे तुरंत ही राज्य सरकार से संपर्क कर तत्काल प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा राज्य के जिला प्रशासनों के साथ की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई।
बैठक में यह भी बताया गया कि सम्बद्ध सीमावर्ती जिला प्रभारी सचिवों को मौजूदा स्थिति में जिला प्रशासन का मार्गदर्शन करने के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने देश में पैदा हुए मौजूदा हालात में सीमावर्ती राज्य के रूप में गुजरात और विशेषकर सीमावर्ती जिलों के नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा हो तथा जनजीवन सामान्य बना रहे; इसके लिए जिला प्रशासन के आयोजनों की विस्तृत समीक्षा गांधीनगर स्थित स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी तथा मुख्य सचिव पंकज जोशी की उपस्थिति में की।
पटेल ने बनासकाँठा, कच्छ, पाटण, जामनगर जैसे सीमावर्ती जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर उनके जिलों की स्थिति का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति में सीमावर्ती जिलों में कम्युनिकेशन नेटवर्क बना रहे तथा लोगों तक समय-समय पर सूचनाएँ एवं निर्देश उचित ढंग से पहुँच सकें; इसके लिए सैटेलाइट फोन, वायरलेस सिस्टम, वॉकी-टॉकी की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने को भी सम्बद्ध जिला अधिकारियों से कहा।
उन्होंने सीमावर्ती गाँवों में जरूरत पड़ने पर लोगों का सुरक्षित स्थानांतरण हो सके; इसके लिए विलेज इवैक्यूएशन प्लान को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने सेफर प्लेस पर तत्काल पहुँचे जा सकने वाले स्थल तैयार करने तथा स्थानांतरण के लिए पर्याप्त वाहनों का प्रबंध करने के भी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मौजूदा स्थिति में यदि कोई विकट स्थिति के समय सड़कों को नुकसान हो, तो परिवहन प्रभावित न हो एवं प्रभावित सड़क मार्ग तीव्रता से मोटरेबल हो सकें; इसके लिए सीमावर्ती जिलों सहित राज्य में सड़क एवं भवन विभाग की टीमों को अत्याधुनिक साधन-सामग्री एवं पर्याप्त मैनपावर के साथ सतर्क रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में राज्य सरकार के अन्य सम्बद्ध विभागों के वरिष्ठ सचिवों से उनके विभागों द्वारा किए गए कामकाज का विवरण भी जाना।
तद्अनुसार; खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव आर. सी मीणा ने मुख्यमंत्री को बताया गया कि विभाग द्वारा लगभग 38 आवश्यक वस्तुओं के मूल्य को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में गेहूँ, चावल, दाल, आलू-ब्याज जैसी रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं का पर्याप्त भंडार है। जिला प्रशासन द्वारा यह स्टॉक प्रतिदिन अपडेट किया जा रहा है। पेट्रोल-डीजल की कोई किल्लत पैदा न हो: इसके लिए पेट्रोलियम कंपनियों के साथ को-ऑर्डिनेशन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव धनंजय द्विवेदी ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग की सज्जता की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सीमावर्ती जिलों में अन्य जिलों के मेडिकल स्टाफ व चिकित्सकों को पहुँचाया गया है। इतना ही नहीं; भुज, जामनगर, पाटण, बनासकाँठा में अतिरिक्त एम्बुलेंसें आवंटित की गई हैं। रक्त की आवश्यकता के समय सरलता से रक्त उपलब्ध हो सके; इस उद्देश्य से मेगा ब्लड डोनेशन कैम्प भी आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव पंकज जोशी ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को लगातार सतर्क रहकर राज्य सरकार के कंट्रोल रूम के साथ सतत संपर्क में रहने के निर्देश दिए।
इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, राजस्व, सामान्य प्रशासन, ऊर्जा तथा श्रम एवं रोजगार विभाग के अपर मुख्य सचिव, सीमा सुरक्षा बल एवं सेना के अधिकारी, मुख्यमंत्री की सचिव श्रीमती अवंतिका सिंह, राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी सहभागी हुए।