दुनियाभर में आज भारतीय सेनाओं का लोहा माना जा रहा है, आने वाले दिनों में इंडियन नेवी दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेना में शामिल हो जाएगी. दरअसल जल्द ही भारतीय नौसेना को 27 सबमरीन मिलने जा रही है. जिसमें विश्व की सबसे शक्तिशाली पनडुब्बियां शामिल हैं. ये पनडुब्बियां परमाणु, बैलिस्टिक मिसाइल जैसे घातक हथियारों से लैस होंगी. यही वजह है कि इन्हें स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक न्यूक्लियर सबमरीन कहा जाता है.
दरअसल IOR में चीन ने हिंद महासागर में जासूसी काफी बढ़ा दी है. चीन का रिसर्च शिप ‘शी यान 6’ कोलंबों पोर्ट पर आया है. जो वैज्ञानिक शोध के साथ ही दूसरे देशों की जासूसी भी करता है. खबर है कि यह शिप 3 महीने तक कोलंबो में रुकेगा. ऐसे में भारत को भी IOR में अपनी ताकत और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है.
कौन सी सबमरीन IOR में चीन को देगी मात अरिहंत क्लास बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन भारत की सबसे बेहतरीन पनडुब्बियों में से एक है, इसमें 4 पनडुब्बियां हैं. फिलहाल 2 सर्विस में हैं, 1 हाल ही में लॉन्च हुई है जबकि 1 बन रही है. अरिहंत क्लास की सबमरीन में INS अरिहंत और INS अरिघट शामिल हैं. ये सभी परमाणु ईंधन संचालित पनडुब्बियां हैं. अरिहंत क्लास बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन के अलावा 3 S5 क्लास की बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन भी बनाई जाएंगी.
6 न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन भी बनेंगी भारत की 6 न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन बनाने की भी तैयारी है. इनमें वरुणास्त्र हैवी वेट टॉरपीडो होंगे. निर्भय, ब्रह्मोस और ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक लैंड अटैक और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें लगी होंगी. कलवारी क्लास की 6 अटैक सबमरीन प्लान में थीं. 5 सेवा में है. साल के अंत तक छठी पनडुब्बी भी नौसेना में शामिल हो जाएगी.
प्रोजेक्ट 75I में बनेंगी 6 सबरमीन इसके साथ ही प्रोजेक्ट 75I क्लास में 6 अटैक सबमरीन भी बनाए जाएंगे. जो 3 से 4 हजार टन डिस्प्लेसमेंट की पनडुब्बियां होगी. जिन्हें एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, आईएसआर, स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा प्रोजेक्ट 76 क्लास के तहत भी 6 अटैक सबमरीन बनाई जाएंगी.