भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ शुक्रवार, 8 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गए। अपने अंतिम कार्य दिवस पर उन्होंने एक भावुक विदाई भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी न्यायिक यात्रा, अनुभव और अदालत के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
#WATCH | While addressing his farewell function, Chief Justice of India DY Chandrachud says "Thank you so much for such a great honour…I would like to thank from the bottom of my heart the Supreme Court Bar Association for organising this event…My mother told me when I was… pic.twitter.com/YJy44SL6Qz
— ANI (@ANI) November 8, 2024
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का विदाई भाषण:
- कृतज्ञता और आभार: मुख्य न्यायधीश ने अपने भाषण की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों, कर्मचारियों, और अन्य अधिकारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अदालत ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने और अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस दौरान कहा, “यह अदालत ही है जो मुझे आगे बढ़ाती है, और इसने मुझे हमेशा समर्थन दिया है।”
- माफ़ी की अपील: डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने भाषण में एक व्यक्तिगत निवेदन भी किया। उन्होंने कहा, “अगर मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो कृपया मुझे माफ कर दें।” यह उनकी विनम्रता और संवेदनशीलता को दर्शाता है कि एक न्यायधीश के रूप में अपने फैसलों और कार्यों के दौरान कभी-कभी अनजाने में दूसरों को चोट पहुंच सकती है, और इसके लिए उन्होंने माफी मांगी।
- अदालत के प्रति आस्था: उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट एक ऐसा संस्थान है जहां सभी लोग न्याय के लिए आते हैं, चाहे वे व्यक्ति किसी भी पृष्ठभूमि से हों। उन्होंने कहा कि वे उन सभी लोगों से मिले हैं, जिनसे वे व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं मिलते, लेकिन उनका कार्य और दायित्व संविधान और न्याय की रक्षा के लिए था।
- धन्यवाद और सम्मान: “मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं,” मुख्य न्यायधीश ने कहा और सुप्रीम कोर्ट के सभी कर्मचारियों, वकीलों और न्यायधीशों को उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर उन सभी को आशीर्वाद भी दिया, जिन्होंने उन्हें इस पद तक पहुँचने में सहयोग दिया।
- न्यायपालिका की भूमिका और जिम्मेदारी: डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता, न्याय की पहुंच, और संविधान के अनुशासन को बनाए रखने की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का काम केवल क़ानून का पालन करना ही नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि समानता, न्याय और मानवाधिकार का पालन हो।
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में एक भावुक विदाई भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपने दायित्व, न्यायिक प्रक्रिया और अपने कार्यकाल पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने सेरेमोनियल बेंच, अपनी संतुष्टि और संपूर्ण यात्रा के बारे में भी महत्वपूर्ण बातें साझा की।
#WATCH | While addressing his farewell function, Chief Justice of India DY Chandrachud says "He (my father) bought this small flat in Pune. I asked him, why on earth are you buying a flat in Pune? When are we going to go and stay there? He said, I know I'm never going to stay… pic.twitter.com/6nqbSH7HKk
— ANI (@ANI) November 8, 2024
प्रमुख बिंदु जो उन्होंने अपने विदाई भाषण में साझा किए:
- सेरेमोनियल बेंच के बारे में: डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब उनके कोर्ट स्टाफ ने उनसे पूछा कि सेरेमोनियल बेंच को कब सूचीबद्ध किया जाएगा, तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अधिक से अधिक मामले सुनने का मन बनाया था। उनका कहना था, “मैं जितने अधिक मामले सुन सकता था, मैंने उतने अधिक सुनने की कोशिश की।” उनका दृढ़ विश्वास था कि अंतिम दिन तक न्याय का अवसर नहीं चूकना चाहिए।
- कोर्ट में अपनी उपस्थिति से अभिभूत: मुख्य न्यायधीश ने यह भी बताया कि, “कल रात जब मैं सोच रहा था कि कोर्ट का समय समाप्त हो जाएगा और मैं खुद को स्क्रीन पर देखूंगा, तो मैं खुद को अभिभूत महसूस कर रहा था।” उन्होंने अपने विदाई भाषण में कहा कि इतने सारे लोग उनकी अंतिम कार्यवाही में उपस्थित थे, इससे उन्हें एक विनम्रता का एहसास हुआ और यह उन्हें गहरी संतुष्टि प्रदान करता है।
- कार्यकाल पर संतुष्टि: डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी न्यायिक यात्रा के बारे में कहा, “मैं अब देश के शीर्ष न्यायधीश के रूप में कार्य नहीं करूंगा, लेकिन मैं संतुष्ट हूं।” उन्होंने न्यायधीशों की भूमिका को तीर्थयात्रियों से जोड़ते हुए बताया कि हर न्यायधीश सेवा की भावना से अदालत में आता है। उनके अनुसार, हर फैसला मामलों को बदल सकता है और इसलिए न्यायधीशों का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
- न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के प्रति विश्वास: चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि वह न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को देश का अगला मुख्य न्यायधीश बनाने के फैसले से आश्वस्त हैं। उन्होंने महसूस किया कि न्यायमूर्ति खन्ना कुशल हाथों में सुप्रीम कोर्ट की पीठ सौंपने के लिए सक्षम हैं।
- सीजेआई बनने की यात्रा: डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के बारे में भी संक्षेप में बात की और कहा कि नवंबर 2022 में जब वह भारत के 50वें मुख्य न्यायधीश बने थे, तब से लेकर अब तक उनका कार्यकाल अनमोल अनुभव रहा। उन्होंने यह भी बताया कि मई 2016 में वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश बने थे, और तब से उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया।