दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें अभी जल्द खत्म नहीं होगी, बल्कि बढ़ ही सकती हैं क्योंकि ईडी की रिमांड की अवधि खत्म होने पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी अपने केस में उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है।
ईडी पैसों के ट्रेल जानने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही है। एक बार जब ईडी की रिमांड खत्म हो जाएगी तो सीबीआई केजरीवाल को रिमांड पर लेने के लिए अदालत का रुख कर सकती है क्योंकि वह भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत उस अपराध की जांच कर रही है, जिसमें उसने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अन्य को गिरफ्तार किया है।
हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं- सीबीआई
सिसोदिया के साथ भी यही किया गया था। दोनों एजेंसियों ने उन्हें काफी दिनों तक रिमांड पर लेकर अलग-अलग पूछताछ की थी। बीते सोमवार को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट को यह बताया भी था कि आबकारी नीति घोटाला मामले में कुछ और “हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारियां” हो सकती हैं। इस संकेत की अटकलें लगाई जा रही थी। सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करने के दौरान यह बात कही गई थी।
सीबीआई कर चुकी है केजरीवाल से पूछताछ
अप्रैल 2023 में केजरीवाल से समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की जांच के संबंध में सीबीआई द्वारा नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी। इस मामले में पूछताछ करने और कथित घोटाले से संबंधित विभिन्न सवालों के जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया था।
क्या जानकारी चाहती है सीबीआई
पूछताछ के दौरान सीबीआई मामले में गिरफ्तार लोगों द्वारा किए गए कुछ खुलासों और एक गायब फाइल के ठिकाने के बारे में जानकारी चाहती है। इसमें यह भी जानने का इरादा है कि क्या केजरीवाल ने गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से फेसटाइम पर बात की थी और उन्हें आप के गिरफ्तार संचार प्रभारी विजय नायर के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा था।
एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी यह भी जानना चाहती है कि क्या केजरीवाल के आवास पर सी अरविंद नामक दानिक्स अधिकारी को नीति का मसौदा सौंपा गया था। सीबीआई कुछ विवरणों को भी सत्यापित करना चाहती है जो कथित तौर पर आईक्लाउड खाते से प्राप्त किए गए थे।
गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, सीबीआई ने 17 अगस्त, 2022 को शराब नीति मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सितंबर के पहले सप्ताह में, प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
दिल्ली जल बोर्ड में भी होगी पूछताछ
शराब नीति घोटाले के अलावा, सीबीआई दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं के मामले की भी जांच कर रही है। यही एकमात्र विभाग था जो केजरीवाल के पास थोड़े समय के लिए था।
जुलाई 2022 में, सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था और तलाशी ली थी, जिसमें लगभग 1.5 करोड़ रुपये नकद, लगभग 1.2 करोड़ रुपये के आभूषण, 69 लाख रुपये की सावधि जमा की बरामदगी हुई थी।
2021 से लागू हुई थी शराब नीति
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 17 नवंबर 2021 में शराब नीति को लागू किया था। मगर, राजधानी में यह नीति लागू होने के कुछ ही दिनों बाद विवादों का शिकार हो गई। दिल्ली की आप सरकार पर आरोप लगाए गए कि उन्होंने इस नीति को शराब माफियों को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की है। दिल्ली सरकार ने शराब नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इसे रद्द कर दिया। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रवर्तन निदेशालय सीएम अरविंद केजरिवाल से पूछताछ करने के लिए एक के बाद एक समन भेज रही है। हालांकि, ईडी के कई समन मिलने के बावजूद केजरिवाल इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।