हाथरस कांड पर यूपी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे और अफसरों के साथ बैठक की. घायलों और चश्मदीदों से घटना की जानकारी ली. बाद में मुख्यमंत्री ने अब तक की जांच के बारे में जानकारी दी. सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को ‘सज्जन’ कहकर संबोधित किया. सीएम योगी ने कहा, कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है, इस प्रकार की घटनाओं में राजनीति ढूढ़ते हैं. चोरी भी और सीना जोरी भी करते हैं. लेकिन हर कोई जानता है कि उस सज्जन (बाबा) के फोटो किसके साथ हैं? इस तरह की भदगड़ और इसके पीछे कौन थे, इसकी तह में जाना आवश्यक है. यह हादसा है या साजिश, यह सच सामने लाया जाएगा.
दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, हाथरस हादसे के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है. प्रशासन ना तो भीड़ का आंकलन कर सका. ना हादसे के बाद एंबुलेंस और इलाज की समुचित व्यवस्था कर सका. अखिलेश ने सीएम योगी के हाथरस दौरे पर सीधा हमला किया था और कहा, सीएम के हाथरस जाने से पीड़ितों का दुख कम नहीं हो जाएगा. बाबा की गिरफ्तारी से जुड़े सवाल पर अखिलेश ने कहा, किस बाबा की गिरफ्तारी कराऊं. यहां दो बाबा हैं. अखिलेश का कहना था कि उच्च स्तरीय जांच से कुछ नहीं होने वाले है. केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी सरकार है. उन्होंने सवाल किया कि भीड़ बढ़ती देख कर प्रशासन सचेत क्यों नहीं हुआ?
कहां के रहने वाले थे हादसे में मारे गए लोग?
बुधवार को योगी ने हाथरस कांड पर प्रेस वार्ता में पूरी जानकारी दी. योगी ने कहा, घटना की तह तक जाने के लिए जांच कमेटी गठित की है. इस पूरे हादसे में 121 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले लोग हैं. यूपी में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, आगरा, एटा, ललितपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, संभल, लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों के श्रद्धालुजन हादसे का शिकार हुए हैं. 6 मृतक अन्य राज्यों के रहने वाले थे. एमपी के राजगढ़ से एक, हरियाणा से एक और राजस्थान के 4 लोग थे.
CM ने चश्मदीदों से भी बात की
सीएम योगी ने कहा, हादसे के बारे में मैंने चश्मदीद से बात की है. हादसा कार्यक्रम के उपरांत हुआ है. धर्म उपदेशक की कथा संपन्न हुई और उनका काफिला गुजरा तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का जत्था पीछे-पीछे दौड़ने लगा. इसी दौरान एक-दूसरे के ऊपर लोग चढ़ने लगे. सेवादार भी लोगों को धक्का देने लगे. जीटी रोड के दोनों ओर श्रद्धालु चल रहे थे.
सेवादारों ने घटना दबाने की कोशिश की
सीएम योगी ने सवाल उठाया और कहा, इस प्रकार के आयोजन में बाबा के सेवादार किसी को अंदर नहीं घुसने देते. घटना होने के बाद सेवादारों ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने दखल दिया तो सेवादार मौके से भाग गए. एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है. कमेटी ने जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है. बहुत सारे ऐसे पहलू हैं, जिनकी जांच जरूरी है.
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे घटना की जांच
सीएम ने बताया कि राहत और बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. घटना के कारणों का पता करेंगे. घटना की लापरवाही और जिम्मेदारी तय की जाएगी. इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं होती है. अगर हादसा है तो कौन जिम्मेदार है, ये पता कर रहे हैं. अगर हादसा नहीं है तो साजिश किसकी है? हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में ज्यूडिशरी इन्क्वायरी करवाई जाएगी. इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो, इसलिए एक सुझाव और एसओपी भी बनवाई जाएगी, ताकि आगे होने वाले कार्यक्रम में इसे लागू किया जा सके.
सीएम योगी ने कहा, घटनास्थल पर जाकर मैंने खुद देखने का प्रयास किया है. हमारे तीन मंत्री कल से हाथरस में कैंप कर रहे हैं. मुख्य सचिव और डीजीपी भी कल से डेरा डाले हैं. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर डटे हैं. जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी. प्रारंभिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे. ज्यूडिशियल इन्क्वायरी के बारे में आज ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. सीएम योगी आज अस्पताल भी गए और घायलों से बात की.
घटना सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव की है. यहां मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति ने 150 बीघा के खुले मैदान (खेत) में सत्संग आयोजित किया था. पुलिस एफआईआर के अनुसार, 80 हजार लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति ली गई और तीन गुना ज्यादा यानी ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटा ली गई. व्यवस्थाएं भी खुद बाबा के सेवादार और आयोजन समिति से जुड़े लोग संभाले थे. पुलिस के सिर्फ 40 जवान मौके पर थे. हादसे में 121 लोग मारे गए हैं. 30 लोग घायल हुए हैं और 20 लोगों के लापता होने की खबर है. जो लोग मारे गए हैं, वे धार्मिक उपदेशक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के ‘सत्संग’ में शामिल होने पहुंचे थे.