महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, और इसी बीच संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने त्रिवेणी संगम के पानी में फीकल बैक्टीरिया की अधिकता को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के स्वच्छता के दावों की पोल खुल गई है, और CPCB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पानी को नहाने और आचमन के लिए अनुपयुक्त बताया।
सीएम योगी का पलटवार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस पर जवाब देते हुए कहा कि संगम का पानी न केवल नहाने के लिए बल्कि आचमन के लिए भी पूरी तरह उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि सरकार ने संगम और आसपास के सभी पाइप और नालों को टेप कर दिया है, जिससे कोई गंदगी जलधारा में न जाए।
मुख्य तथ्य:
- BOD (Biochemical Oxygen Demand) की मात्रा 3 से कम है, जो अच्छी जल गुणवत्ता को दर्शाती है।
- DO (Dissolved Oxygen) का स्तर 8-9 mg/L के आसपास है, जो जल को स्वच्छ और जीवनदायी बनाए रखता है।
- फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 2,500 MPN प्रति 100 ml से कम है, जो तय मानकों के अनुरूप है।
- NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की रिपोर्ट के अनुसार, फीकल अपशिष्ट का स्तर 2000 MPN प्रति 100 ml से कम है, जो स्नान योग्य पानी का संकेत देता है।
‘महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश’
सीएम योगी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह महाकुंभ को बदनाम करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे सीवेज लीकेज, वर्षा जल बहाव और पशु मल, लेकिन सरकार लगातार जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की निगरानी में कार्य कर रही है।
#WATCH | Lucknow: On the faecal bacteria report, CM Yogi Adityanath says in the UP assembly, "Questions are being raised about the quality of the water (at Triveni)… All the pipes and the drains in and around Sangam have been taped and the water is being released only after… pic.twitter.com/8b4PGaDgSE
— ANI (@ANI) February 19, 2025
सरकार के प्रयास
- संगम क्षेत्र में सभी सीवेज नालों को टेप किया गया।
- गंगा जल में शुद्धिकरण प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
- UPPCB नियमित रूप से पानी की गुणवत्ता की जांच कर रहा है।
महाकुंभ जैसे विश्वस्तरीय धार्मिक आयोजन को लेकर उठाए गए सवालों पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। सरकार की ओर से जारी आंकड़े यह दर्शाते हैं कि संगम का पानी सुरक्षित और शुद्ध है। विपक्ष इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ महाकुंभ में स्नान कर सकते हैं।