अजित पवार की ओर से बगावत का बिगुल फूंकने के बाद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) दो धड़ों में बंट गई है। अजित पवार महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होकर राज्य के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि, अभी भी शरद पवार और अजित पवार की मुलाकातों का दौर जारी है। बीते दिनों पुणे में इन दोनों नेताओं की सीक्रेट मीटिंग हुई थी, जिसे लेकर अटकलें तेज हो गईं कि अजित पवार गुट और शरद पवार गुट फिर से एक हो जाएंगे। दोनों नेताओं की लगातार मीटिंग को लेकर अटकलों के बाजार में ये भी चर्चा थी कि अजित पवार फिर से शरद पवार के साथ मिल जाएंगे।
अलर्ट हो गई शिवसेना ठाकरे गुट और कांग्रेस
इस बीच, शरद पवार और अजित पवार की लगातार हो रही मुलाकातों से कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) चिंतित हैं। सूत्रों के मुताबिक, भले ही शरद पवार सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि वो बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन जिस तरह से शरद पवार और अजित पवार के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं उससे शिवसेना ठाकरे गुट और कांग्रेस अलर्ट हो गई है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने प्लान- बी पर काम शुरू कर दिया है। शरद पवार के बिना आगामी चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर कांग्रेस और शिवसेना मंथन कर रही है। इस संदर्भ में दोनों दलों के बीच प्राथमिक दौर की बातचीत भी हुई है। महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शरद पवार और अजित पवार के बीच हो रही मुलाकातों की पूरी जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दी है।
खुद के बल तैयारियां शुरू करने की प्लानिंग
शरद पवार और अजीत पवार के बीच हो रही मेल-मुलाकातों से सतर्क कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव के लिए खुद के बल तैयारियां शुरू करने की प्लानिंग की है। इसी कड़ी में कल यानी बुधवार को कांग्रेस कोर कमिटी की बैठक मुंबई में होगी, जिसमें 48 लोकसभा सीटों पर तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। वहीं, ऊद्धव ठाकरे भी कल से लोकसभा चुनाव के लिए क्षेत्रवार बैठक शुरू करेंगे। कल मातोश्री पर उत्तर महाराष्ट्र रीजन के 4 जिलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि वो पूरे 48 लोकसभा सीटों पर तैयारी करेगी, अगर गठबंधन होगा तो बाकी जो सीटें सहयोगियों के हिस्से आएंगी उनको जिताने में मदद होगी।
तीनों दल एक दूसरे पर विश्वास करने को तैयार नहीं
दरअसल, बात ये भी है महा विकास अघाड़ी (MVA) में अब तीनों दल एक दूसरे पर विश्वास करने को तैयार नहीं। वो गठबंधन की बात तो कर रहे हैं, लेकिन ऐन वक्त पर कोई गठबंधन न हो पाए, तो अकेले लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं। ऊद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस को लगता है कि शरद पवार कभी भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस और शिवसेना दोनों साथ में लड़ेंगे, इस पर फौरी चर्चा परसो हुई, जब नाना पटोले ऊद्धव ठाकरे से मातोश्री पर मिले थे, उस वक्त संजय राउत भी मौजूद थे।