दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवनका उद्घाटन करेंगे. इस दौरान सेंगोल को स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा. पहले उद्घाटन को लेकर तो अब सेंगोल को लेकर विपक्ष ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का दावा है कि जिस सेंगोल को लेकर इतनी चर्चा हो रही है, उसको लेकर सरकार ने झूठे तत्थ सामने रखे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने दावा किया है कि सेंगोल की ऐतिहासिकता का इतिहास में कोई सबूत नहीं है.
जयराम रमेश के इस दावे को लेकर अब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक के बाद कई ट्वीट किए हैं. हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया है कि साल 1947 में अमेरिका की टाइम मैगजीन में एक लेख छपा था और जो लोग नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें इस लेख को पढ़ना चाहिए और जानकारी लेनी चाहिए कि ‘सेंगोल’ किस बात का प्रतीक है. आखिर साल 1947 में हुआ क्या था.
ये कहाँ आ गए हम!
Time Magazine 1947- a must read for those who wish they had built the magnificent new Parliament instead of PM @narendramodi Ji on occasion of #AzadiKaAmritMahotsav & stoop to boycott the Temple of Democracy. https://t.co/HymazFMY4Y
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आजादी से ठीक पहले हिंदू रीति-रिवाजों के तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने सेंगोल का स्वागत किया था. अब ये लोग इसी सेंगोल का अपमान कर रहे हैं. ढोंग अपने पूरे शबाब पर है. सेंगोल को अलग-अलग रंगों में रंगने की कोशिशें हो रही हैं और मगरमच्छ के आंसू बहाए जा रहे हैं.
पुरी ने कहा कि ये लेख उन लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए जो सोचते हैं कि पीएम मोदी की जगह उन्होंने नए संसद भवन का निर्माण कराया है. ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के मौके पर लोकतंत्र के मंदिर का बहिष्कार करना बंद करें.
On that momentous day, a havan was performed, the pithambaram made from silk & gold was wrapped around PM by representative of the Adheenam who escorted the Sengol to Delhi by a special aircraft. Payasam from that morning’s pooja at the Nataraja temple was brought as prasad. pic.twitter.com/M11EGfQaf2
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 26, 2023
पुरी ने लेख के हवाले से दावा किया कि 1947 में आजादी की पूर्व संध्या पर हवन किया गया और रेशम और सोने से बने पीतांबरम को पीएम के चारों ओर लपेटा गया था. इस दौरान सेंगोल को विशेष विमान से दिल्ली लाया गया था.