भगवान जगन्नाथ की पावन भूमि से विदेशी पैसों से चल रहे कनवर्जन व गौ हत्या पूर्ण रूप से बंद किया जाए। श्रीजगन्नाथ यात्रा के दौरान पुरी में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित संत चिंतन बैठक में संतों ने सामूहिक तौर पर यह मांग की। स्वामी जीवनमुक्तानंद जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में परमहंस स्वामी प्रज्ञानानंद व स्वामी शंकरानंद जैसे प्रमुख संत भी उपस्थित थे।
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय सह मंत्री गौरी प्रसाद रथ ने बताया कि ओडिशा में हो रहे गौहत्या व गौ तस्करी को लेकर चिंतन बैठक में विस्तार से चर्चा की गई तथा इसे लेकर चिंता व्यक्त की गई। संतों ने कहा कि ओडिशा में गौ हत्या को रोकने के लिए ओडिशा प्रिवेंशन आफ काउ स्लैटर एक्ट लागू है। इसके साथ ही प्रिवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल एक्ट भी राज्य में लागू है। गायों के परिवहन को लेकर भी कानून हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात यह है कि इन कानूनों को सही रुप से पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि राज्य में गौ हत्या व गौ तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। संतों ने राज्य सरकार से मांग की है कि इन कानूनों को कड़ाई से लागू किया जाए।
चिंतन बैठक में संतों ने विदेशी पैसे से राज्य में क्रिश्चियन मिशनरियों द्वारा चलाये जा रहे कन्वर्जन पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। संतों ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से किये जा रहे कन्वर्जन को रोकने के लिए कानून बनाने के मामले में ओडिशा सबसे पहले राज्यों में से एक था। प्रदेश में लागू ओडिशा फ्रीडम आफ रिलीजियस एक्ट 1967 में प्रलोभन, धोखाधड़ी और अन्य अवैध तरीकों से धर्मांतरण को रोकने के लिए प्रावधान है।
लेकिन, प्रशासन द्वारा इस कानून का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है, इसलिए धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। संतों ने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि वह इस कानून को सख्ती से लागू करे और अवैध तरीके से धर्मांतरण करने वाले मिशनरियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
साथ ही संतों ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग दोहरायी। कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश सचिव महेश साहू ने स्वागत भाषण दिया। विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री सुधांशु पटनायक ने धन्यवाद दिया।