LAC पर आपसी तनाव कम करने और यथास्थिति पर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहला बयान दिया है। उन्होंने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर चीन के साथ LAC पर बने तनाव पर आज बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन बॉर्डर एरिया एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। बातचीत से समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए सहमति बन गई है।
किन मुद्दों पर बनी सहमति?
राजनाथ ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर कहा कि भारत और चीन एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य, दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। बातचीत के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति हासिल की गई है। हासिल की गई सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और आसपास के पशुपालकों के पशुओं की चराई शामिल है। यह निरंतर बातचीत में लगे रहने की शक्ति है क्योंकि देर-सवेर इस मुद्दे पर समाधान निकलेगा।
#WATCH | Delhi: Speaking at the Chanakya Defence Dialogue 2024, Union Defence Minister says, "India and China have been involved in talks both at the diplomatic and military levels to resolve their differences in certain areas along the LAC. A broad consensus has been achieved to… pic.twitter.com/c38cHjqCDD
— ANI (@ANI) October 24, 2024
केंद्र सरकार ने दी थी जानकारी
बता दें कि बीते सोमवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की कि पूर्वी लद्दाख में गश्त को लेकर एक समझौता हो गया है, जिससे 2020 में गलवान में सेनाओं के बीच झड़प के बाद शुरू हुआ 4 साल का सैन्य गतिरोध खत्म हो गया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस यात्रा से पहले हुई, जिसके दौरान वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत कर सकते हैं।
चीन ने भी लगाई थी मुहर
इसके बाद चीन ने भी एक दिन बाद मंगलवार को पुष्टि की कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत के साथ उसका समझौता हो गया है। बीजिंग ने कहा कि “रिलेवेंट मैटर” पर एक समाधान हो गया है और वह इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।