हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके अदम्य साहस को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 25 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान राष्ट्र की भूमि की रक्षा के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh lays a wreath and pays tribute to the heroes of the Kargil War at the National War Memorial in Delhi, on the occasion of 25th #KargilVijayDiwas2024 pic.twitter.com/MBSJPBpjwR
— ANI (@ANI) July 26, 2024
सैनिकों के साहस को पीढ़ियां करेंगी याद- सिंह
26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने लद्दाख में कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद विजय की घोषणा करते हुए “ऑपरेशन विजय” (Operation Vijay) की सफल परिणति की घोषणा की थी।
युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज, कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर, हम 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद करते हैं।
Defence Minister Rajnath Singh tweets, "Today, on the 25th anniversary of #KargilVijayDiwas, we remember the indomitable spirit and courage of the brave soldiers who fought valiantly in 1999 war. Their unwavering commitment, valour and patriotism ensured that our country… pic.twitter.com/QyI6QuiDAP
— ANI (@ANI) July 26, 2024
500 से अधिक सैनिक हुए थे बलिदान
उन्होंने कहा, उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और सशस्त्र बलों के सभी रैंकों ने भी “बहादुरों” के सर्वोच्च बलिदान को याद किया।
एकीकृत रक्षा स्टाफ (Integrated Defence Staff) के मुख्यालय ने कहा, हम कारगिल के नायकों से प्रेरणा लेते हैं और हम साहस, सम्मान और बलिदान के साथ अपने देश की रक्षा करके उनकी विरासत का सम्मान करना जारी रखेंगे।
इस अवसर पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक सहित पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस संघर्ष में 500 से अधिक सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संघर्ष के दौरान देश की भूमि की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा, कारगिल विजय दिवस पर, हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता और समर्पण को सलाम। उनके साहस और देशभक्ति की विरासत सभी भारतीयों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश का काम करती है।