रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने अरब सागर में ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक पोतों पर हाल के हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है. राजनाथ सिंह ने कहा कि हम वाणिज्यिक पोतों पर हुए हालिया हमलों के जिम्मेदार लोगों का हर हाल में पता लगाएंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.
आईएनएस इम्फाल कमीशनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए राजनाथ सिंह
मंगलवार (26 दिसंबर) को मुंबई में ‘आईएनएस इम्फाल’ के कमीशनिंग समारोह में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में नौसेना के जहाजों पर हुए हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है और भारत यह सुनिश्चित करेगा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्री व्यापार नई ऊंचाइयां हासिल करे. वहीं, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि कमर्शियल शिप्स पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए चार विध्वंसक शिप तैनात किए गए जिसमें पी-8आई विमान, डोर्नियर्स, सी गार्डियन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक पोत संयुक्त रूप से शामिल हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा, “आजकल समंदर में हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है. भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताक़त ने कुछ ताक़तों को ईर्ष्या और द्वेष से भर दिया है. अरब सागर में हाल में हुए ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और कुछ दिन पहले लाल सागर में ‘एमवी साई बाबा’ पर हुए हमले को हमारी सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है.”
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उन्हें हम सागरतल से भी ढूंढ निकालेंगे. वे स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ के भारतीय नौसेना में शामिल होने के कार्यक्रम के मौके पर बोल रहे थे. यह घातक युद्धपोत विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागने की क्षमता से भी लैस है.
क्या है मामला?
शनिवार (23 दिसंबर) को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले कमर्शियल शिप पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता करने के लिए कई पोत तैनात किये. जहाज दोपहर को करीब साढे तीन बजे मुंबई तट पर पहुंचा. मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसकी सुरक्षा की.
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जहाज के पहुंचने पर भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने हमले का प्रकार और प्रकृति का प्रारंभिक आकलन करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया. हमले के क्षेत्र और जहाज पर मिले मलबे का निरीक्षण करने से संकेत मिलता है कि यह ड्रोन हमला था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमले के प्रकार और इसमें इस्तेमाल विस्फोटक की मात्रा का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी.’’ प्रवक्ता ने कहा कि विस्फोटक आयुध रोधी दल की ओर से जहाज का विश्लेषण पूरा करने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त जांच शुरू की.