पाकिस्तान और उसके आतंकियों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों का ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा है। कुछ ही समय के हमले में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया और पाकिस्तान सीजफायर के लिए मिन्नतें करने लगा। इसके बाद दोनों में सीजफायर हुआ है। इस सीजफायर के बीच अब सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को वायुसेना के भुज एयरबेस की यात्रा करने जाएंगे।
मुख्य उद्देश्य:
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गुजरात के भुज एयरबेस और भारत-पाकिस्तान सीमा का निरीक्षण।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा स्थिति और रणनीतिक तैयारियों का आकलन।
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सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के मनोबल को बढ़ाना।
पृष्ठभूमि:
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पाकिस्तान ने भुज में ड्रोन हमलों की कोशिश की थी, जिसे भारतीय वायुसेना ने सफलतापूर्वक विफल किया।
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यह दौरा एक रणनीतिक संदेश भी है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा (मंगलवार)
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आदमपुर एयरबेस, पाकिस्तान सीमा से 100 किमी दूर स्थित है।
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पीएम मोदी ने कहा:
“अब भारत की लक्ष्मण रेखा एकदम स्पष्ट है – आतंक का जवाब अब भारत पक्का देगा।”
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यह पाकिस्तान की उस झूठी दावेबाजी का जवाब भी था, जिसमें उसने आदमपुर एयरबेस और S-400 मिसाइल सिस्टम को नष्ट करने का दावा किया था।
रणनीतिक संदेश और राजनीतिक प्रभाव
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भारत की सैन्य कार्रवाई “डॉक्ट्रिन ऑफ प्री-एम्पटिव स्ट्राइक” की तर्ज पर रही, जिसमें पहले आघात करने की रणनीति अपनाई गई।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठाए गए राजनीतिक कदम—जैसे पीएम और रक्षा मंत्री के दौरे—से देश को आत्मविश्वास और राजनीतिक स्पष्टता का संदेश गया है।
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद, सीमा पार हमलों या ड्रोन घुसपैठ को लेकर कोई सहिष्णुता नहीं बरती जाएगी।
रक्षा मंत्री का भुज दौरा और प्रधानमंत्री का आदमपुर दौरा यह दर्शाते हैं कि भारत केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि रणनीतिक बढ़त बनाए रखने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहा है।