भारतीय वायु सेना (IAF) की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए गठित सशक्त समिति (Empowered Committee) की रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपे जाने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार वायु सेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान दे रही है।
Addressed the CSR Conclave organised in New Delhi. Exhorted everyone to contribute whole-heartedly to the welfare of the soldiers and their families as it the national duty of every citizen.https://t.co/LV18GHBFgw pic.twitter.com/2VXv4pDcbV
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 3, 2025
मुख्य बिंदु:
- मारक क्षमता में समग्र वृद्धि:
- समिति ने अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों के तहत IAF की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ठोस सिफारिशें दी हैं।
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में कदम:
- डीआरडीओ, रक्षा सार्वजनिक उपक्रम (DPSUs) और निजी क्षेत्र को मिलकर कार्य करने पर जोर दिया गया है।
- स्वदेशी रक्षा उत्पादन और तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता दी जाएगी।
- प्रमुख रक्षा अधिकारियों की भागीदारी:
- समिति की अध्यक्षता रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने की।
- इसमें वायु सेना के उप-प्रमुख, रक्षा उत्पादन सचिव, डीआरडीओ प्रमुख और अधिग्रहण महानिदेशक सदस्य के रूप में शामिल थे।
- समिति की सिफारिशों का त्वरित कार्यान्वयन:
- रक्षा मंत्री ने सभी सिफारिशों को निर्धारित समय-सीमा में प्रभावी रूप से लागू करने का निर्देश दिया।
Speaking at the CSR Conclave in New Delhi. https://t.co/ShJmgVHk6f
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 3, 2025
महत्व और संभावित प्रभाव:
- वायु सेना के आधुनिकीकरण में तेजी आएगी, जिससे चीन और पाकिस्तान जैसे विरोधियों के खिलाफ IAF की रणनीतिक बढ़त मजबूत होगी।
- स्वदेशी एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लड़ाकू विमानों, ड्रोन, मिसाइलों और अन्य रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को बल मिलेगा।
- रक्षा निर्यात में वृद्धि होगी, जिससे भारत आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभर सकता है।