सपा सांसद और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ में अनुसूचित जाति और अनुसूसित जनजाति (एससी/एसटी) के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए अलग कोटा निर्धारित किया जाए।
डिंपल ने तीन तलाक का किया जिक्र
डिंपल ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि पीएम मोदी ने ‘तीन तलाक’ की बात की और ऐसे में उनसे उम्मीद की जाती है कि आरक्षण विधेयक में अल्पसंख्यक महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल ने यह सवाल भी किया कि चुनाव से ठीक पहले सरकार को महिलाओं की याद क्यों आई? उन्होंने यह सवाल किया, ‘क्या आरक्षण अगले लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं?’ डिंपल यादव ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जाति जनगणना कब होगी और परिसीमन कब होगा।’
सपा ने पहले कई मौकों पर इसी मांग के आधार पर विरोध किया: डिंपल
डिंपल ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी की मांग है कि आरक्षण में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी शामिल किया जाए।’ समाजवादी पार्टी ने अतीत में कई मौकों पर महिला आरक्षण विधेयक का इसी मांग के आधार पर विरोध किया था कि इसमें ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए अलग कोटा होना चाहिए।’
‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।