छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से फिर धर्मांतरण का मामला उजाहर हुआ है। यहाँ सकरी थाना क्षेत्र के संबलपुरी गाँव में पादरी संतोष मोसेस और उसकी पत्नी अनु मोसेस गरीब, बेरोजगार और महिलाओं को निशाने पर लेकर उन्हें जबरन ईसाई धर्म स्वीकार करवा रहे हैं। ये जानकारी खुद एक पीड़ित ने दी है।
रिपोर्ट में संबलपुरी के रहने वाले उत्तरा कुमार साहू ने बताया कि वो ईसाई बनना भी नहीं चाहते लेकिन पादरी और उसकी पत्नी उन्हें लगातार ब्रेनवॉश करने में लगी है। उन लोगों ने उनके परिवार और ससुराल वालों को ईसाई बना दिया है और अब वह उनके पीछे पड़े हैं।
साहू कहते हैं कि पादरी और उसकी पत्नी दोनों लोग घूम-घूमकर बीमार, मजबूर, गरीब और कमजोर वर्ग को टारगेट करके लालच देते हैं। ये लोग ऐसे लोगों को ढूँढकर उन्हें चर्च बुलाते हैं, प्रार्थना करवाई जाती है, घर में सभा आयोजित होती है, फिर मदद का भरोसा देकर उन्हें धर्मांतरित करवा दिया जाता है।
इसी तरह महिलाओं को निशाने पर तब लिया जाता है जब उनके पति घर से बाहर होते हैं। तभी, चंगाई सभा में महिलाओं को इकट्ठा करके मूर्ति पूजा के खिलाफ जहर भरा जाता है। समझाया जाता है कि कैसे मंदिर में होने वाले पूजा-पाठ गलत हैं और प्रसाद लेना ‘शैतान’ स्वीकारने जैसा है। फिर उन्हें भगवान की मूर्ति तोड़ने, देवी-देवताओं की तस्वीर वाली टाइल्स उखाड़ने को कहा जाता है।
जो लोग ईसाई धर्म से विमुख होने का प्रयत्न करते हैं उन्हें यशु के प्रकोप से डरने को कहा जाता है। किसी का विचार न बदले इसके लिए प्रेयर के नाम पर उन्हें घर से दूर रखकर लगातार ब्रेनवॉश किया जाता है। करीबन 3-4 दिन बाद चर्च से उन्हें वापस घर भेजा जाता है। इस दौरान उन्हें चिकन-मटन खिलाया जाता है।
उत्तरा साहू के अनुसार, ये लोग अब चूँकि उनके भी पीछे पड़े हैं इसलिए उन्होंने इस मामले में सकरी थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है। आरोपितों के विरुद्ध सबूत मिलने पर विधिवत कार्रवाई होगी।
बता दें कि इस रिपोर्ट में धर्म जागरण के पदाधिकारी का भी बयान है जिन्होंने बताया कि जनवरी माह में धर्मांतरण के 12 नए केस आए हैं। क्षेत्र में मिशनरी वाले मेल-जोल बढ़ाने के लिए पिकनिक और खाने-पीने के बहाने जोड़ते हैं फिर उनका धीरे-धीरे लालच देकर ईसाई बनने को कहा जाता है। सबसे ज्यादा शिकायतें चिंगराजपारा, चांटीडीह, सिरगिट्टी, पचपेड़ी, बेलगहना, रतनपुर, सीपत, सकरी, हाफा, मोपका, घुरू, तिफरा मन्नाडोल, मस्तूरी, लखराम और हरदीकला टोना इलाके से आई हैं।