विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को इस सवाल की तीखा जवाब दिया कि क्या भारत क्षेत्र (उपमहाद्वीप व हिंद महासागर क्षेत्र) में धौंस जमा रहा है, विदेश मंत्री ने कहा कि जब पड़ोसी मुश्किल में हों तो बड़ी धौंस जमाने वाले 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं देते।
धौंस जमाने वाले नहीं देते मदद
एक पुस्तक के विमोचन समारोह में जयशंकर ने कहा- दुनिया के इस हिस्से में आज बड़ा बदलाव वह है, जो भारत और उसके पड़ोसियों के बीच हुआ है। जब आप कहते हैं कि भारत को एक बड़ा धौंस जमाने वाला माना जाता है, तो आप यह भी जानते हैं कि जब पड़ोसी मुसीबत में होते हैं तो बड़े धौंस जमाने वाले साढ़े चार अरब डॉलर नहीं देते।
युद्ध ने जीवन को बनाया जटिल
जब कोविड चल रहा होता है तो बड़े धौंस जमाने वाले अन्य देशों को टीके की आपूर्ति नहीं करते या भोजन की मांग या ईंधन की मांग या उर्वरक की मांग पूरी करने के लिए अपने स्वयं के नियमों को अपवाद नहीं बनाते क्योंकि दुनिया के किसी हिस्से में किसी युद्ध ने जीवन को जटिल बना दिया है।
आपको आज यह भी देखना है कि वास्तव में भारत और उसके पड़ोसियों के बीच क्या बदलाव आया है। निश्चित रूप से बांग्लादेश और नेपाल के साथ आज आपके पास एक पावर ग्रिड है, आपके पास ऐसी सड़कें हैं जो एक दशक पहले नहीं थी, आपके पास रेल है जो एक दशक पहले नहीं थी, जलमार्ग का उपयोग भी हो रहा है। भारतीय उद्योग बांग्लादेश के बंदरगाहों का उपयोग कर रहे हैं।- एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
इन पड़ोसी देशों के साथ निवेश में हुई बढ़ोतरी
भारत और पड़ोसी देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने व सुधारने के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश व मालदीव के साथ व्यापार, निवेश व आवागमन में तेजी से वृद्धि देखी गई है। बहुत ईमानदारी से कहें तो पड़ोस में हमारी समस्या एक देश से संबंधित है। और कूटनीति में आप हमेशा आशा रखते हैं और कोई नहीं जानता कि एक दिन भविष्य में क्या होगा।
मुइज्जू ने क्या कहा था?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इस साल जनवरी में चीन का पांच दिनों का दौरा किया था. इस दोरे से लोटले ही उन्होंने दो टूक कहा था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. मुद्दज्जू ने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते है लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता, हालाकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया था. लेकिन माना गया कि उनका निशाना भारत की तरफ है.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुछज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.
दोनों देशों के बीच क्या है विवाद?
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.