राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पुर्तगाल यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रही है। लिस्बन नगर निगम द्वारा उन्हें “सिटी की ऑफ ऑनर” (City Key of Honour) से सम्मानित किया जाना न केवल भारत-पुर्तगाल संबंधों की गर्मजोशी को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत के शीर्ष नेतृत्व को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कितना सम्मान मिल रहा है। आइए इस यात्रा की खास बातों को विस्तार से समझते हैं:
राष्ट्रपति मुर्मू बनीं लिस्बन की मानद नागरिक
लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास द्वारा राष्ट्रपति को “सिटी की ऑफ ऑनर” से नवाजे जाने के साथ ही वे लिस्बन की मानद नागरिक बन गई हैं। समारोह में मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह सम्मान पुर्तगाल की ओर से भारत और वहां के प्रवासी भारतीयों के योगदान को लेकर एक बड़ी मान्यता है।
भारत-पुर्तगाल संबंधों पर राष्ट्रपति मुर्मू के विचार
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने निम्नलिखित बिंदुओं को रेखांकित किया:
- भारत-पुर्तगाल के सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते, जिनमें कला, संस्कृति, भोजन, योग और आयुर्वेद प्रमुख हैं।
- लुसोफोन (पुर्तगाली भाषा बोलने वाले) देशों के साथ संबंधों में पुर्तगाल की भूमिका को भारत एक मूल्यवान साझेदार के रूप में देखता है।
- दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझा दृष्टिकोण और जिम्मेदारी की भावना है।
In a special ceremony hosted by the Mayor of Lisbon at the historic Câmara Municipal de Lisboa (City Hall), President Droupadi Murmu was presented with the "Key of Honour" of Lisbon City. The ceremony was attended by several eminent citizens of Lisbon, including the diplomatic… pic.twitter.com/SLoyKGgRme
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 7, 2025
भारतीय समुदाय – संबंधों की आधारशिला
राष्ट्रपति ने पुर्तगाल में रह रहे 1.25 लाख भारतीयों की सराहना करते हुए कहा कि वे भारत-पुर्तगाल संबंधों की मजबूत नींव हैं। इनमें:
- 35,000 भारतीय नागरिक हैं,
- 90,000 भारतीय मूल के लोग, मुख्य रूप से गुजरात और गोवा से हैं।
मेयर मोएदास का प्रधानमंत्री मोदी को सम्मान
मेयर ने अपने भाषण में PM नरेंद्र मोदी के “वसुधैव कुटुम्बकम” सिद्धांत का उल्लेख किया, जिसे उन्होंने G20 में प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि इस विचारधारा से हमें विभाजन नहीं, बल्कि एकता को बढ़ावा देना चाहिए।
यात्रा का रणनीतिक महत्व
- 27 साल बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा और
- 29 साल बाद स्लोवाकिया यात्रा हो रही है, जिससे इस दौरे की ऐतिहासिक प्रकृति उजागर होती है।
- यह दौरा उस समय हो रहा है जब:
- अमेरिका और यूरोप के साथ व्यापार समीकरण बदल रहे हैं,
- और भारत यूरोपीय संघ के साथ एफटीए (FTA) को अंतिम रूप देने के करीब है।
राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल यात्रा से भारत-पुर्तगाल संबंधों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यह यात्रा भारतीय प्रवासी समुदाय को गौरवान्वित करने वाली रही है, वहीं भारत की “सांस्कृतिक कूटनीति” और वैश्विक नेतृत्व में भूमिका को भी मजबूती देने वाली रही।