ओडिशा के पुरी में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में अब ड्रेस कोड लागू होगा। कोई भी श्रद्धालु फटी जीन्स, बिना आस्तीन वाले वस्त्र और हाफ पैंट पहन कर दाखिल नहीं सकेगा। 12वीं सदी के इस मंदिर में एक जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू हो जाएगा। मंदिर प्रशासन का कहना है कि मंदिर समुद्री तट या पार्क नहीं है, मंदिर में भगवान रहते हैं, ये कोई मनोरंजन स्थल नहीं है।
कुछ लोग धार्मिक भावनाओं की नहीं करते परवाह
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के प्रमुख रंजन कुमार दास ने कहा, ”मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग दूसरों लोगों की धार्मिक भावनाओं की परवाह किए बिना मंदिर में आ जाते हैं।” उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों को मंदिर में फटी जीन्स, बिना आस्तीन वाले वस्त्र और हाफ पैंट पहने देखा गया मानो ये लोग समुद्री तट या पार्क में घूम रहे हों। मंदिर में भगवान रहते हैं, मंदिर मनोरंजन का कोई स्थान नहीं है।”
‘अशोभनीय’ पोशाक में देखे जाने के बाद ड्रेस कोड का फैसला
उनके मुताबिक, मंदिर में आने के लिए स्वीकृत पोशाकों पर फैसला जल्द ही लिया जाएगा। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने इसके साथ ही यह भी बताया कि मंदिर के ‘सिंह द्वार’ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर प्रतिहारी सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर में कुछ लोगों को ‘अशोभनीय’ पोशाक में देखे जाने के बाद ‘नीति’ उप-समिति की बैठक में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू करने का निर्णय लिया गया।
एक जनवरी, 2024 से लागू होगा ‘ड्रेस कोड’
रंजन कुमार दास ने कहा, ”मंदिर में एक जनवरी, 2024 से ‘ड्रेस कोड’ लागू किया जाएगा। मंदिर के ‘सिंह द्वार’ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर प्रतिहारी सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।” उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन मंगलवार से श्रद्धालुओं को ‘ड्रेस कोड’ के संबंध में जागरूक करेगा। दास ने कहा कि हाफ-पैंट, शॉर्ट्स, फटी जीन्स, स्कर्ट और बिना आस्तीन वाले कपड़े पहने लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।